trendingPhotosDetailhindi4049716

Jitiya Vrat 2022: तीन दिन के इस व्रत में क्या खाएं महिलाएं, मरुआ रोटी, नोनी साग का है अलग ही महत्व

Jitiya Vrat 2022 Me kya khaye-इस व्रत में क्या खाना चाहिए, इस व्रत का खाना कुछ अलग सा है और उसका विशेष महत्व भी है

डीएनए हिंदी: Jitiya Vrat 2022 Me kya khaye- संतान की लंबी उम्र (Child's long life) की कामना के लिए जितिया का व्रत रखा जाता है, तीन दिन तक निर्जला रखे जाने वाले इस व्रत को बिहार, बंगाल और झारखंड में बड़े ही उमंग और उत्साह के साथ मनाया जाता है. यह व्रत बहुत ही कठिन होता है क्योंकि इसमें महिलाएं निर्जला रहती हैं. हिंदू पंचांग (Hindu Panchang) के अनुसार,हर साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जीवित्पुत्रिका व्रत रखा जाता है.पहले दिन नहाए खाय,दूसरे दिन निर्जला व्रत और तीसरे दिन व्रत पारण किया जाता है. 

यह भी पढ़ें- जितिया व्रत का महत्व, कैसे महिलाएं रखती हैं व्रत, निर्जला व्रत की कहानी क्या है

1.कब है जितिया का व्रत

कब है जितिया का व्रत
1/5

इस साल 18 सितंबर की रात को यह व्रत शुरू हो रहा है और 19 सितंबर तक रहेगा. तीन दिन तक महिलाएं पूजा पाठ करके अपने बच्चे की लंबी उम्र की कामना करती हैं. इस व्रत में क्या खाना चाहिए और क्या खाना शुभ होता है, आईए जानते हैं 



2.मछली खाना शुभ

मछली खाना शुभ
2/5

ऐसा कहा जाता है कि मछली खाकर व्रत रखना शुभ होता है, इसलिए महिलाएं मछली खाती हैं लेकिन जो लोग शाकाहारी हैं वे नहीं खाती हैं. 



3.मरुआ की रोटी

मरुआ की रोटी
3/5

मरुआ की रोटी इस व्रत को रखने से पहले महिलाएं गेहूं के आटे की रोटी खाने की बजाए मरुआ के आटे की रोटियां खाती हैं. मरुआ के आटे की रोटी के साथ बिहार के मिथिला क्षेत्र में मछली खाने की परंपरा है. शाकाहारी महिलाएं इस व्रत में झिंगनी की सब्जी खाती हैं, इस व्रत में झिंगनी के पत्तों पर पूजा करने का भी विधान है.



4.नोनी के साग

नोनी के साग
4/5

नोनी के साग में कैल्शियम और आयरन प्रचुर मात्रा में होने के कारण यह व्रती के शरीर में पोषक तत्‍वों की कमी नहीं होने देता.व्रत के बाद महिलाओं को अक्‍सर कब्‍ज की समस्‍या हो जाती है, ऐसे में व्रत से पहले ही नोना का साग खा लेने से पाचन ठीक बना रहता है
 



5. सरसों तेल से बनी हुई सब्जी

 सरसों तेल से बनी हुई सब्जी
5/5

सरसों तेल से से बनी सब्जी खाई जाती है. पूजा के दौरान जीमूतवाहन को सरसों का तेल और खल चढ़ाया जाता है.व्रत का पारण करने के बाद यह तेल बच्चों के सिर पर आशीर्वाद के तौर पर लगाया जाता है.



LIVE COVERAGE