Hartalika Teej 2022 : भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि यानी इस साल 30 अगस्त (30 August) को हरतालिका तीज मनाई जा रही है. इस दिन शादी शुदा महिलाएं 16 श्रृंगार करके पूजा करती हैं. पूजा में भी सुहागन श्रृंगार की 16 चीजें रखती हैं.
डीएनए हिंदी: Hartalika Teej Shringar aur Pujan Samagri - अखंड सौभाग्य और वैवाहिक जीवन सुखमय हो इसलिए Hartalika Teej का त्योहार मनाया जाता है. हिंदू कैंलेडर के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि यानी इस साल 30 अगस्त (30 August) को हरतालिका तीज मनाई जा रही है. यह त्योहार और इसका व्रत सुहागनों (Married Women) के लिए बहुत ही खास होता है. इस दिन शादी शुदा महिलाएं 16 श्रृंगार करके पूजा करती हैं. पूजा में भी सुहागन श्रृंगार की 16 चीजें रखती हैं. इस दिन व्रत रखने का खास महत्व है.
1.व्रत और श्रृंगार का महत्व
हरतालिका तीज (Hartalika Teej 2022) के लिए कहा जाता है कि देवी पार्वती शिव (Shiv Parvati) से विवाह करना चाहती थीं लेकिन उनके पिता ने भगवान विष्णु के विवाह प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया. इसलिए देवी पार्वती ने अपनी एक सखी को घने जंगल में एक सुनसान जगह में छिपने में मदद करने के लिए कहा. आखिरकार पार्वती जिन्होंने पहले भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए घोर तपस्या की थी, उनका ध्यान और साथ ही उनका दिल जीतने में सफल रही.इसलिए इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की मिट्टी की मूर्तियां बनाकर उनकी पूजा की जाती है.विवाहित महिलाएं सुखी वैवाहिक जीवन के लिए प्रार्थना करती हैं जबकि अविवाहित लड़कियां अपने पसंद के साथी की कामना के साथ यह व्रत करती हैं. माता पावर्ती के श्रृंगार को देखते हुए ही इस व्रत में वैवाहिक महिलाओं के लिए खास श्रृंगार का नियम है
2.पार्वती माता के लिए 16 श्रृंगार
मेहंदी
चूड़ी
बिछिया
काजल
पायल
बिंदी
कुमकुम
सिंदूर
कंघी
माहौर
सुहाग पुड़ा
शीशा आदि
3.पंचामृत के लिए
दही
चीनी
दूध
शहद
मेवे
4.पूजन सामग्री
गीली काली मिट्टी या बालू रेत
बेलपत्र
शमी पत्र
केले का पत्ता
धतूरे का फल एवं फूल
आंक का फूल
तुलसी
जनेऊ
नाड़ा
वस्त्र (मां पार्वती के लिए हरे रंग की साड़ी और चूड़ियां)
गणेश जी के लिए नए वस्त्र
विभिन्न प्रकार के फल
विभिन्न प्रकार के फूल
भोग के लिए मिठाई
श्रीफल (नारियल)
कलश (मिट्टी या पीतल)
अबीर
चंदन
कुमकुम
घी
कपूर
दीपक
पान
सुपारी
बताशा
5.महत्वपूर्ण बातें
मायके से आई हुई साड़ी और श्रृंगार सामग्री ही इस्तेमाल करें
व्रत वाले दिन सूर्योदय से पहले ही खाने के लिए फल,मिठाई आदि की रख लें, जिसे सरगी कहते हैं.