डीएनए हिंदी: आज राजस्थान दिवस मनाया जा रहा है. 30 मार्च 1949 को यानी 73 साल पहले आज ही के दिन 22 रियासतों को मिलाकर राजस्थान बनाया गया था. आजादी से पहले राजस्थान को राजपूताना के नाम से जाना जाता था. बताया जाता है कि अंग्रेजों ने ही यह नाम दिया था. पूरे राजपूताना में 19 रियासतें और तीन ठिकाने थे. इन रियासतों को एक साथ मिलाने के बाद राजस्थान की स्थापना की गई थी.
राजस्थान को राजाओं की भूमि के रूप में भी जाना जाता है. राजस्थान की पश्चिमी सीमाएं पाकिस्तान से लगती हैं. क्षेत्रफल के लिहाज से ये देश का सबसे बड़ा राज्य है. जनसंख्या के लिहाज से राजस्थान देश का सातवां सबसे बड़ा राज्य है. राजस्थान की राजधानी जयपुर को महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने बनाया था.
ये भी पढ़ें- Yogi Cabinet 2.0: महिलाओं के साथ काम करने को तैयार नहीं योगी के मंत्री, विरोध के बाद आदेश वापस
राजस्थान का इतिहास
700 ईसवी में बड़े पैमाने पर राजस्थान में राजपूत वंश का शासन था. इससे पहले यह मौर्य साम्राज्य का हिस्सा हुआ करता था. उस दौरान मेवाड़ राजस्थान का शक्तिशाली राज्य हुआ करता था. राजस्थान की अलग-अलग रियासतों को मिलाकर उसे राजनीतिक रूप से एकजुट करने में बादशाह अकबर की अहम भूमिका बताई जाती है.
दिल्ली में भी है राजस्थान
राजस्थान दिवस आज मनाया जा रहा है. 30 मार्च 1949 को जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर और बीकानेर रियासतों का विलय होकर राजस्थान राज्य बना था.
राजधानी में इन सभी रियासतों के हाउस हैं.जब सन् 1911 में दिल्ली देश की राजधानी बनी तो मौजूदा राजस्थान की भी अनेक रियासतों ने वायसराय से आग्रह किया कि उन्हें दिल्ली में अपना भवन स्थापित करने के लिए जमीन आवंटित की जाए. इस आग्रह को मानते हुए देश की 29 रियासतों को राजधानी के प्रमुख क्षेत्रों में जमीन आवंटिक की गई.
ये भी पढ़ें- 2.7 लाख रुपए किलो बिकता है यह आम, कहलाता है Egg Of Sun, भारत के इस राज्य हैं इसके पेड़
गूगल पर हमारे पेज को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें.
हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करें.