Sammed Shikharji: अचानक देशभर में प्रदर्शन क्यों करने लगे जैन समुदाय के लोग, समझिए क्या है विवाद

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jan 01, 2023, 06:30 PM IST

Sammed Shikhar Controversy

Sammed Shikharji Controversy in Hindi: झारखंड के सम्मेद शिखरजी तीर्थ स्थल और पर्यटन स्थल बनाने के खिलाफ जैन समुदाय के लोग सड़कों पर उतर आए हैं.

डीएनए हिंदी: जैन समुदाय (Jain Community) के सैकड़ों लोग रविवार को दिल्ली की सड़कों पर उतर आए. इन लोगों ने झारखंड सरकार के फैसले के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया. साथ ही, गुजरात के पालीताना मंदिर (Palitana Mandir) के संबंध में भी अपना रोष जताया. बाद में इन लोगों ने अपना शिकायती ज्ञापन राष्ट्रपति को सौंपा. झारखंड सरकार ने जैन समुदाय के मशहूर धार्मिक स्थल श्री सम्मेद शिखरजी (Sri Sammed Shikharji) को पर्यटन स्थल घोषित किया है. जैन समुदाय के लोगों ने इस फैसले के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया. साथ ही, मांग की है कि यह फैसला वापस लिया जाए. गुजरात के पालीताना मंदिर में हुए तोड़फोड़ के बारे में भी जैन समुदाय की मांग है कि मामले की जांच करवाई जाए.

जैन समुदाय के लोग दिल्ली के अलावा अहमदाबाद और मुंबई में भी जुटे और विरोध प्रदर्शन किया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ज्ञापन सौंपने पहुंचे लोगों ने कहा कि झारखंड सरकार ने सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करके जैन समाज की भावनाओं को आहत किया है. झारखंड सरकार को तुरंत यह फैसला वापस लेना चाहिए. पर्यटन स्थल बना देने से इस तीर्थ स्थल को भारी नुकसान होगा.

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सम्मेद शिखरजी विवाद क्या है?
दरअसल, फरवरी 2018 में झारखंड सरकार ने सम्मेद शिखरजी क्षेत्र को ईको-सेंसटिव घोषित किए जाने की सिफारिश की थी. केंद्र सरकार ने 2019 में इसे पर्यावरण के प्रति संवेदनशील घोषित किया गया. अब झारखंड सरकार ने इसे टूरिस्ट प्लेस घोषित कर दिया है. कुछ दिन बाद ही इसी क्षेत्र में एक शख्स के शराब पीने का वीडियो वायरल हुआ. अब जैन समुदाय का कहना है कि टूरिस्ट प्लेस बना देने से यहां ऐसे लोग आएंगे जिनकी धर्म में आस्था नहीं है. ऐसे लोग यहां आकर मांस-मदिरा का सेवन करते हैं जो जैन धर्म के खिलाफ है.

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क्यों चर्चा में है पालीताना मंदिर?
हाल ही में जैन समुदाय के लोगों ने आरोप लगाए कि गुजरात में स्थित पालीताना मंदिर में तोड़फोड़ की गई. समाज के लोगों ने सरकार से हस्तक्षेप की मांग की. दरअसल, पालीताना के गिरिराज पर्वत पर जैन देरासर मंदिर और नीलकंठ महादेव मंदिर है. जैन समुदाय की तोड़-फोड़ की जांच की जाए और अवैध खनन पर तत्काल रोक लगाई जाए. साथ ही, यह भी मांग की जा रही है कि आसपास हो रहे अवैध निर्माण पर भी रोक लगाई जाए.

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