डीएनए हिंदीः Diabetes Management: डायबिटीज एक गंभीर मेटाबॉलिक बीमारी (Metabolic Disease) है. एक अनुमान के मुताबिक भारत में करीब 7 करोड़ लोग इस बीमारी की चपेट में हैं.
डायबिटीज को आधुनिक जीवन के 7 पापों का नतीजा माना जा सकता है, जिसमें आरामतलब जीवनशैली, नींद की कमी, ज्यादा मात्रा में नमक- चीनी का सेवन, स्मोकिंग और शराब सेवन, डायबिटीज और इसकी जटिलताओं को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं. ये सारी चीजें मिलकर शरीर की ग्लूकोज पचाने (Glucose Metabolism) की क्षमता को प्रभावित करते हैं. इसकी वजह से किडनी (Nephropathy) और नर्व्स डैमेज (Neuropathy) का खतरा बढ़ जाता है.
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दिल्ली के डायबेटोलॉजिस्ट (Diabetologist) डॉ. अशोक झिंगन (Dr. Ashok Jhingan) के मुताबिक डायबिटीज के लक्षणों (Symptoms) का समय रहते पता चलने से इस बीमारी की जटिलताओं को दूर किया जा सकता है. इसके लिए शारीरिक परीक्षण और कुछ टेस्ट जैसे कि ग्लूकोज मॉनिटरिंग, ब्लड, यूरिन और अन्य टेस्ट कराना जरूरी है. उन्होंने कहा कि लोगों को डायबिटीज के तमाम संकेतों और लक्षणों के प्रति सचेत रहने की जरूरत है.
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ये हैं नर्व संबंधी संकेत
कैसे बढ़ाएं जागरूकता
डायबिटीज के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए हेल्थकेयर प्रदाताओं और मरीजों के बीच ज्यादा से ज्यादा संवाद होने की जरूरत है. उनमें डायबिटीज मैनेजमेंट को लेकर व्यक्तिगत तौर पर ध्यान देने, स्वस्थ खानपान और शारीरिक गतिविधियों, ब्लड शुगर की नियमित मॉनिटरिंग, अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को घटाने, डायबिटीज के भावुक पक्ष से उबारने, और संपूर्ण सेहत और गुणवत्तापरक जीवनशैली अपनाने पर फोकस कराना जरूरी है.
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