डीएनए हिंदीः डेंगू बुखार का प्रकोप कामय है और इससे डरने की जरूरत इसलिए है कि ये जानलेवा बीमारी छोटी सी भूल से भी खतरा पैदा कर देती है. हालांकि एक बात याद रखनी चाहिए कि डेंगू का इलाज घर पर ही किया जा सकता है और इसके लिए हॉस्पिटल जाने की जरूरत तब तक नहीं जब तक कुछ इमरजेंसी न आएं.
डेंगू में सावधानी और खानपान का ध्यान रखना ही इसका इलाज है. ठीक उसी तरह जिस तरह कोरोना का इलाज घर पर संभव था उसी तरह डेंगू का इलाज भी संभव है. बस इसके लिए कुछ बातें जरूर गांठ बांध लें क्योंकि तीन छोटी सी लापरवाही के कारण ही मरीज की जान जाती है. तो चलिए आपको आज डेंगू से जुड़ी वो सारी जानकारी दें, जिससे आप इस बीमारी से डरे नहीं बल्कि इसका इलाज खुद घर पर कर सकें.
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ये तीन भूल कभी न करें
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बुखार आने पर पैरासिटेमॉल कितना लें
बुखार आने पर वजन के हिसाब से पैरासिटामोल टैबलेट लेलना चाहिए.पैरासिटामोल 15 एमजी प्रति किलो वजन के हिसाब से लेनी चाहिए. डेंगू में कोई भी दवा बिना डॉक्टर के सलाह पर न लें. बुखार 102 डिग्री फॉरेनहाइट से ज्यादा है तो शरीर पर पानी की पट्टियां रखें. हालांकि कुछ आयुर्वेदिक पत्तों का रस जैसे पपीते के पत्ते का रस, गिलोय का जूस, बकरी का दूध आदि जरूर पीते रहना चाहिए.
लिक्विड डाइट क्यों है डेंगू में जरूरी
डेंगू के मरीज ज्यादा से ज्यादा लिक्विड लेकर जल्दी रिकवर कर सकते हैं. ये मरीज के प्लेटेलेट्स गिरने से बचाते हैं और कमजोरी को दूर करते हैं.
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डेंगू के लक्षण
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डेंगू के मच्छर के काटे जाने के करीब 35 दिनों के बाद मरीज में डेंगू बुखार के लक्षण दिखने लगते हैं. शरीर में बीमारी पनपने की मियाद 3 से 10 दिनों की भी हो सकती है.
ये कराएं टेस्ट
अगर तेज बुखार होए जोड़ों में तेज दर्द हो या शरीर पर रैशेज हों तो पहले दिन ही डेंगू का टेस्ट करा लेना चाहिए. अगर लक्षण नहीं हैंए पर तेज बुखार बना रहता है तो भी एकदो दिन के इंतजार के बाद फिजिशियन के पास जरूर जाएं. डेंगू की जांच के लिए शुरुआत में एंटीजन ब्लड टेस्ट ;एनएस 1द्ध किया जाता है. इस टेस्ट में डेंगू शुरू में ज्यादा पॉजिटिव आता हैए जबकि बाद में धीरेधीरे पॉजिविटी कम होने लगती है. यह टेस्ट करीब 1000 से 1500 रुपये में होता है. टेस्ट की रिपोर्ट 24 घंटे में आ जाती है.
कब प्लेटलेट्स होती हैं चिंताजनक
तंदुरुस्त व्यक्ति के शरीर में डेढ़ से दो लाख प्लेटलेट्स होते हैं. जरूरी नहीं है कि जिसे डेंगू हो उसकी प्लेटलेट्स नीचे ही आएं. प्लेटलेट्स अगर एक लाख से कम हैं तो मरीज को फौरन अस्पताल जाना चाहिए. अगर प्लेटलेट्स गिरकर 20 हजार तक या उससे नीचे पहुंच जाएं तो प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत पड़ती है. 4050 हजार प्लेटलेट्स तक ब्लीडिंग नहीं होती. अगर प्लेटलेट्स तेजी से गिर रहे हैंए मसलन सुबह एक लाख थे और दोपहर तक 5060 हजार हो गए तो शाम तक गिरकर 20 हजार पर पहुंचे हो तो यह खतरनाक है.
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(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
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