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Ranil Wickremesinghe: रानिल विक्रमसिंघे बने श्रीलंका के नए राष्ट्रपति, जानें क्यों कहे जाते हैं 'कमबैक किंग'

Sri Lanka President Election: रानिल विक्रमसिंघे श्रीलंका के नए राष्ट्रपति चुने गए हैं. विक्रमसिंघे को ऐसे वक्त में देश का नेतृत्व करना है जब श्रीलंका सबसे बुरे आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है. आर्थिक संकट के अलावा नागरिकों के बीच बहुत गुस्सा है. ऐसे मुश्किल हालात में विक्रमसिंघे के लिए बहुत बड़ी चुनौतियां सामने हैं. 

रानिल विक्रमसिंघे बुधवार को औपचारिक तौर पर श्रीलंका के राष्ट्रपति निर्वाचित हो गए हैं. विक्रमसिंघे इससे पहले देश के प्रधानमंत्री रह चुके हैं लेकिन इस बार उन्हें बहुत मुश्किल हालत में नेतृत्व करना है. उनके सामने अपार चुनौतियां हैं और देखना है कि वह कैसे इनसे बाहर निकलते हैं. हालांकि, श्रीलंका की राजनीति को करीब से जानने वाले जानते हैं कि विक्रमसिंघे राजनीति के कमबैक किंग हैं. वह एक नहीं बल्कि 2 बार राजनीतिक वनवास की हालत में जाने के बाद धमाकेदार तरीके से सत्ता में वापसी कर चुके हैं.

1.Ranil Wickremesinghe Political Journey 

Ranil Wickremesinghe Political Journey 
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रानिल विक्रमसिंघे पिछले 45 साल से श्रीलंका की राजनीति में सक्रिय हैं. वह छात्र जीवन से ही राजनीति कर रहे हैं और 28 साल की उम्र में पहली बार संसद पहुंचे थे. यूएनपी पार्टी के सदस्य विक्रमसिंघे ने पहली बार प्रधानमंत्री का पद 1993 में संभाला था जब तत्कालीन राष्ट्रपति रणसिंघे प्रेमदासा की हत्या की गई थी. दूसरी बार 2001 से 2004 के बीच वह प्रधानमंत्री रहे थे. 2015 से 2018 तक वह फिर प्रधानमंत्री बने थे लेकिन राष्ट्रपति सिरिसेना ने उन्हें बर्खास्त कर दिया था. बाद में एक बार फिर कोर्ट से चुनाव जीतकर पीएम बने थे. 
 



2.Ranil Wickremesinghe 2020 Election

Ranil Wickremesinghe 2020 Election
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रानिल विक्रमसिंघे की पार्टी का मजबूत गढ़ कोलंबो को माना जाता है लेकिन बावजूद इसके साल 2020 में हुए श्रीलंका चुनाव में उनकी पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई थी. इससे पहले 1977 के चुनाव में भी उनकी पार्टी का ऐसा ही हश्र हुआ था. विक्रमसिंघे को श्रीलंका की मीडिया में सिंहली भाषा में कमबैक किंग कहा जाता है. इसके पीछे वजह है कि जिस वक्त उनके राजनीतिक करियर को खत्म मान लिया जाता है वह धमाकेदार वापसी कर सबको चौंका देते हैं. 



3.Ranil Wickremesinghe Economic Reform

Ranil Wickremesinghe Economic Reform
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रानिल विक्रमसिंघे के पहले कार्यकाल को काफी सराहा गया था और उन्हें आर्थिक सुधारों का क्रेडिट मिला था. विक्रसमिंघे को श्रीलंका की बिजनेस कम्युनिटी के बीच काफी पंसद किया जाता रहा है. आम तौर पर उन्हें श्रीलंका में आर्थिक सुधारों के लिए याद किया जाता है. विक्रमसिंघे फिर एक बार ऐसे वक्त में देश की कमान संभाल रहे हैं जब श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की चुनौती है.



4.Ranil Wickremesinghe International Relation 

Ranil Wickremesinghe International Relation 
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रानिल विक्रमसिंघे के लिए माना जाता है कि वह श्रीलंका के मौजूदा बड़े नेताओं में सबसे बड़ी अंतर्राष्ट्रीय छवि रखते हैं. अलग-अलग देशों के साथ बेहतर कूटनीतिक और रणनीतिक संबंध बनाने में भी उन्हें माहिर माना जाता है. महिंदा राजपक्षे की चीन परस्त नीति से अलग वह भारत और अमेरिका जैसे देशों के साथ बेहतर संबंध बनाने को प्राथमिकता देते हैं.



5.Sri Lanka Economic Crisis

Sri Lanka Economic Crisis
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रानिल विक्रमसिंघे के सामने इस वक्त सबसे बड़ी चुनौती श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना है. देश का विदेशी मुद्रा भंडार खत्म हो चुका है और जरूरी चीजों की भारी किल्लत है. देश में महंगाई अपने चरम पर है. चीन के भारी कर्ज के बोझ तले श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने की जिम्मेदारी अब विक्रमसिंघे को निभानी है. पूरी दुनिया की नजर उनकी नीतियों और कार्यप्रणाली पर रहेगी.



6.Sri Lanka Crisis

Sri Lanka Crisis
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रानिल विक्रमसिंघे को देश के अंदर भी कई मोर्चों पर संघर्ष करना है. राजपक्षे परिवार के राज में सिंहली राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने के नाम पर तमिलों और दूसरे अल्पसंख्यक समुदाय के उत्पीड़न की बातें भी की जाती रही हैं. ऐसे हालात में उन्हें देश को एकजुट रखने की चुनौती से भी पार पाना होगा. श्रीलंका के अलग-अलग हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं और विक्रमसिंघे को कानून व्यवस्था बनाए रखना होगाऔर जनता का भरोसा भी जीतना होगा.



7.Ranil Wickremesinghe On China-Pakistan 

Ranil Wickremesinghe On China-Pakistan 
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महिंदा राजपक्षे की विदेश नीति चीन परस्त थी और श्रीलंका ने इस दौर में पाकिस्तान से भी निकटता बढ़ाई थी. इसके उलट विक्रमसिंघे को चीन परस्त नहीं माना जाता है. श्रीलंका में उन्हें निवेश और आर्थिक सुधारों को अमली जामा पहनाने के लिए याद किया जाता है. विक्रमसिंघे का झुकाव अमेरिका और भारत जैसे देशों की ओर है. जर्जर हो चुकी देश की अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए भी अमेरिका से अच्छे संबंध बनाना उनकी प्राथमिकता में होगा.



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