गौतमबुद्ध नगर सीट पर बार-बार प्रत्याशी क्यों बदल रही सपा? किस असमंजस में फंसे हैं अखिलेश यादव

रईश खान | Updated:Mar 28, 2024, 05:33 PM IST

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव. (तस्वीर-PTI)

Gautam Buddha Nagar Lok Sabha Seat: महेंद्र सिंह नागर एक योग्य डॉक्टर हैं और 1999 से राजनीति में सक्रिय हैं. कांग्रेस पार्टी से राजनीतिक पारी की शुरुआत करने वाले नागर 2022 में सपा में शामिल हो गए थे.

लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. हर राजनीतिक दल सत्ता पाने की जुगत में एड़ी-चोटी के जोर लगा रहे हैं. यही वजह है कि पार्टियां हर सीट पर सोच समझकर उम्मीदवार उतार रही हैं. इस कड़ी में उत्तर प्रदेश में सपा प्रमुख अखिलेश यादव थोड़े कन्फ्यूज नजर आ रहे हैं. वह बार-बार अपने उम्मीदवार बदल रहे हैं. मुरादाबाद, मेरठ, संभल के बाद सपा ने अब गौतमबुद्ध नगर सीट पर फिर उम्मीदवार बदल दिया है.

समाजवादी पार्टी ने अब गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) से डॉ. महेंद्र नागर को अपना प्रत्याशी घोषित किया है. नोएडा से पहले राहुल अवाना प्रत्याशी थे. महेंद्र नागर कांग्रेस छोड़कर सपा में शामिल हुए थे. सपा की पांचवीं लिस्ट में पहले नोएडा से उन्हीं का नाम घोषित किया गया था, लेकिन सपा कार्यकर्ताओं के भारी विरोध के चलते महज चार दिन में ही उनकी जगह युवा नेता राहुल अवाना (Rahul Awana) नाम घोषित करना पड़ा था.

अखिलेश को बार-बार क्यों बदलने पड़े प्रत्याशी?
इंडिया गठबंधन में नोएडा की सीट सपा के खाते में गई है. अखिलेश यादव को स्थानीय कार्यकर्ताओं के विरोध की वजह से प्रत्याशियों को बार-बार बदलना पड़ रहा है. सपा ने सबसे पहले नोएडा से डॉ. महेंद्र नागर का नाम घोषित किया था. लेकिन वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने यह कहते हुए रोष जताया कि वह अभी कांग्रेस से आए हैं. उन्होंने अखिलेश यादव से मुलाकात भी की थी. इसके बाद नागर का नाम बदलकर युवा नेता राहुल अवाना को उम्मीदवार बनाया गया.

लेकिन अब कुछ दिन से राहुल अवाना को लेकर भी अंधरूनी विरोध शुरू हो गया था. सपा के कुछ नेताओं का कहना था कि राहुल अवाना को ज्यादा राजनीतिक अनुभव नहीं है और गुर्जर समाज का वोट भी उनकी वजह से खिसक सकता है. इसलिए महेंद्र नागर को ही प्रत्याशी बनाया जाए तो बेहतर होगा.


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महेंद्र सिंह नागर एक योग्य डॉक्टर हैं और 1999 से राजनीति में सक्रिय हैं. कांग्रेस पार्टी से राजनीतिक पारी की शुरुआत करने वाले नागर 2022 में सपा में शामिल हो गए थे. वह जमीनी स्तर से जुड़े नेता रहे हैं. महेंद्र नागर ने 2006 से 2016 तक गौतमबुद्ध नगर में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष के रूप में काम किया था. वह मिलख लाच्छि गांव के रहने वाले हैं और गुर्जर समाज से आते हैं.

Noida सीट पर क्या है जातिगत समीकरण
गौतमबुद्ध नगर सीट पर जातिगत समीकरण काफी अहम माना जाता है. यहां गुर्जर, ठाकुर और दलित के साथ-साथ मुस्लिम और ब्राह्मण वोटर्स की अच्छी खासी संख्या है. पिछले दो लोकसभा चुनाव में बीजेपी के महेश शर्मा यहां से भारी वोटों से जीते थे. 2019 के चुनाव में डॉ. महेश शर्मा ने सपा-बसपा के साझा उम्मीदवार सतवीर को 336,922 मतों के अंतर से हराया था.

2019 के चुनाव में गौतमबुद्ध नगर में कुल वोटर्स की संख्या 21,07,718 थी. जिनमें पुरुष वोटर्स 11,62,408 और महिला वोटर्स की संख्या 9,45,107 थी. जातिगत आधार पर बात करें तो ठाकुर वोटर्स की संख्या 4 लाख और ब्राह्मण वोटर्स की भी करीब 4 लाख संख्या हुआ करती थी. वहीं, मुस्लिम वोटर्स (करीब 3.5 लाख), गुर्जर वोटर्स (करीब 4 लाख) के साथ-साथ दलित वोटर्स की संख्या भी काफी है.

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