Mar 28, 2024, 02:07 PM IST

इन 18 स्मारकों का ASI नहीं करेगा रखरखाव, छोड़ा अपना कब्जा

Puneet Jain

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) यानी आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया भारत सरकार के अंदर आता है. 

इसका प्रथम उद्देश्य प्रचीन स्मारकों का रखरखाव करना हैं. लेकिन जो स्मारक अपना राष्ट्रीय महत्व खो देते हैं तो उनके रखरखाव के लिए यह जिम्मेदार नहीं होता. 

हाल ही में ASI ने 18 स्मारकों की एक सूची जारी की है, जिनकी रखरखाव से वह अपने हाथ पीछे कर रहा है. 

इस सूची में बांदा शहर का बंद कब्रिस्तान और कटरा नाका, भारंली गंगा तिर में प्राचीन स्मारक के अवशेष समेत उत्तर प्रदेश के कई अन्य स्मारकों के नाम शामिल हैं.

लखनऊ से तीन स्मारकों जिसमें गौघाट का कब्रिस्तान, जहरीला रोड़ पर स्थित कब्रिस्तान, लखनऊ-फैजाबाद रोड़ पर मकबरें के नाम शामिल हैं.  

अगर बात करें राजस्थान की तो कोटा जिले का बारन स्थित 12 वीं सदी का मंदिर और जयपुर जिले के बारन स्थित किले के भीतर का अभिलेख भी इस सूची में शामिल है.

वहीं वाराणसी से कोषागार में मौजूद तख्ती पट्ट, तेलिया नाला बौद्ध खंडहर, मिर्जापुर जिले के अहुगी में एक हजार ईसवीं के तीन छोटे लिंग मंदिर परिधि के अवशेष, झांसी के रंगून का बंदूकची की कब्र आदि शामिल हैं. 

दूसरी ओर अरुणाचल प्रदेश के लखीमपुर जिले का ताम्र मंदिर और मध्य प्रदेश के सतना जिले में मौजूद शैल अभिलेख भी इस सूची में जुड़े हुए हैं.

राजधानी दिल्ली से इम्पीरियल सिटी का बारा खंबा कब्रगाह और कोटला मुबारकपुर का इंचला वाली गुमटी का नाम भी इस सूची में शामिल हैं.