वर्ल्ड
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने गोपनीय दस्तावेज लीक मामले में इमरान खान और महमूद कुरैशी को जमानत दे दी है.
डीएनए हिंदी: पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) को पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बड़ी राहत दी है. गोपनीय दस्तावेज लीक केस में शुक्रवार को उनके और उनके करीबी शाह महमूद कुरैशी को जमानत दे दी. सुप्रीम कोर्ट ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के इन नेताओं को 10-10 लाख रुपये का मुचलका बांड भी भरने का निर्देश दिया.
जस्टिस सरदार तारिक मसूद की अगुवाई वाली तीन न्यायाधीशों की एक पीठ ने पीटीआई की याचिकाओं पर यह आदेश जारी किया. जस्टिस अतहर मिनाल्लाह और जस्टिस सैयद मंसूर अली शाह पीठ में अन्य दो जस्टिस हैं. इमरान खान और महमूद कुरैशी पर आरोप है कि इन्होंने मार्च 2022 में पाकिस्तानी दूतावास की ओर से भेजे गए राजनयिक दस्तावेजों को सही ढंग से नहीं संभाला और उन्होंने देश की गोपनीयता कानूनों का उल्लंघन किया.
इसे भी पढ़ें- देशभर में फैल रहा Covid-19, कई शहरों में मरीज, WHO ने दी ये सलाह
क्या जेल से रिहा होंगे इमरान खान?
इमरान खान फिलहाल जेल से रिहा नहीं होंगे. उन्हें तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में दोषी करार दिया गया है. संघीय जांच एजेंसी की चार्जशीट में कहा गया है कि इमरान खान ने यह दस्तावेज कभी लौटाया ही नहीं. पीटीआई पहले से कहती आयी है कि इस दस्तावेज में अमेरिका की ओर से इमरान खान को प्रधानमंत्री के पद से हटाने की धमकी दी गयी थी. पिछले सप्ताह अडियाला जेल में विशेष अदालत ने नये सिरे से मामले की सुनवाई शुरू की थी. उससे पहले इमरान खान और महमूद कुरैशी को 13 दिसंबर को इस मामले में दूसरी बार आरोपित किया गया था.
इसे भी पढ़ें- Covid JN-1 Case: कोविड के नए वैरिएंट से ब्रिटेन में दहशत, भारत में भी बढ़ा मरीजों का आंकड़ा
क्यों खारिज हुई है कार्यवाही
महमूद कुरैशी भी जेल में हैं. खान और कुरैशी को पहली बार 23 अक्टूबर को अभ्यारोपित किया गया था. दोनों ने अपना गुनाह नहीं कबूला था. अडियाला जेल में सुनवाई चल रही थी और चार गवाह अपनी गवाही दे भी चुके थे. इसी बीच इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने जेल में सुनवाई संबंधी सरकार की अधिसूचना को त्रुटिपूर्ण करार दिया और पूरी कार्यवाही खारिज कर दी.
यह भी पढ़ें: नाराज नीतीश कुमार को मनाने के लिए राहुल गांधी ने किया फोन, जानें क्या बात हुई
सत्ता से बेदखल इमरान खान, कब आएंगे वापस
इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने इमरान खान के अभ्यारोपण पर मुहर लगाई थी और मामला खारिज करने की उनकी गुजारिश अस्वीकार कर दी थी. हाई कोर्ट ने साथ ही स्पेशल कोर्ट के जज को निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया था. इमरान खान को अप्रैल, 2022 में अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से सत्ता से हटा दिया गया था. सत्ता से उनके हटने के बाद उन पर 150 से अधिक मामले दर्ज कर दिये गए. (इनपुट: भाषा)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.