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Bangladesh: कट्टरपंथियों का निशाना क्यों बना इस्कॉन? बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों की बढ़ती चुनौती 

Bangladesh News: पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में इस समय हिंदुओं पर लगातार अत्याचार हो रहा है. बता दें कि ISKCON के प्रमुख चिन्मय कृष्ण दास को भी गिरफ्तार कर लिया है. 

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Bangladesh: कट्टरपंथियों का निशाना क्यों बना इस्कॉन? बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों की बढ़ती चुनौती 
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Bangladesh: भारत के पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में इस समय हिंदू समुदाय के खिलाफ लगातार हमले हो रहे हैं, जिसमें इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (ISKCON) के मंदिर और उनके अनुयायी निशाने पर हैं. हाल ही में इस्कॉन के प्रमुख चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी तेज हो गई है.

यह घटनाएं 5 अगस्त, 2024 के तख्ता पलट के बाद शुरू हुईं.  जब प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार गिर गई और वह भारत चली गईं. इस राजनीतिक अस्थिरता के दौरान कट्टरपंथी इस्लामी समूहों ने इस्कॉन को निशाना बनाना शुरू कर दिया है. TOI की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश में इस समय करीब 40,000 मंदिर हैं और इनमें से कई को कट्टरपंथी तत्वों द्वारा हमले का सामना करना पड़ रहा है.

इस्कॉन पर प्रतिबंध की मांग हुई तेज
बांग्लादेश में कट्टरपंथी इस्लामी समूहों द्वारा इस्कॉन के खिलाफ चलाए जा रहे ऑनलाइन अभियानों के तहत #BanISKCON और #ISKCONisTerrorist जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे हैं. इन समूहों का आरोप है कि इस्कॉन देश की सांप्रदायिक शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है. खुलना डिवीजन में एक इस्कॉन मंदिर पर हमले के बाद, कट्टरपंथियों ने इसके खिलाफ हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है.


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सामुदायिक तनाव 
बांग्लादेश में इस्कॉन और सनातन जागरण मंच जैसे संगठनों ने हिंदू समुदाय के खिलाफ हो रहे हमलों का विरोध किया है. यदि इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाया जाता है तो इससे हिंदू समुदाय में असुरक्षा की भावना बढ़ सकती है. उनकी धार्मिक पहचान पर खतरा मंडरा सकता है. बांग्लादेश में इस्कॉन का एक बड़ा नेटवर्क है, जिसमें ढाका, राजशाही, चटोग्राम, रंगपुर जैसे शहरों में मंदिर हैं, जहां लाखों भक्त पूजा करते हैं. इस्कॉन बांग्लादेश में न केवल धार्मिक गतिविधियों में सक्रिय है, बल्कि यह सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेता है. हाल ही में आई बाढ़ के दौरान इस्कॉन ने बांग्लादेश के गरीबों की मदद की थी, और इससे पहले भी इस संगठन ने अलग-अलग सामाजिक और सामुदायिक कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

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