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China vs Taiwan: ताइवान संकट पर भारत ने चीन को सुनाई खरी-खरी, विदेश मंत्रालय ने दिया बड़ा बयान

China vs Taiwan को लेकर पूरी दुनिया में तनावपूर्ण माहौल है जिसके चलते भारत ने इस मामले में अब चीन को ही खरी-खरी सुनाई है.

China vs Taiwan: ताइवान संकट पर भारत ने चीन को सुनाई खरी-खरी, विदेश मंत्रालय ने दिया बड़ा बयान
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डीएनए हिंदी: चीन और ताइवान (China vs Taiwan) के बीच अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी (Nancy Pelosi) के दौरे के बाद टकराव की स्थिति हैं और ताइवान  के खिलाफ चीन लगातार आक्रामक रुख अख्तियार कर रहा है जिसके चलते वैश्विक स्तर पर तनाव की स्थिति है. वहीं इस वैश्विक तनाव से भारत भी अछूता नहीं रह सकता और अब भारत ने इस मामले में अहम बयान देते हुए चीन को ही नसीहत दे दी है. 

दरअसल, चीन और ताइवान के बीच जारी तनाव के बीच भारतीय विदेश मंत्रालय ने चीन का जिक्र करते हुए कहा है कि ताइवान की मौजूदा स्थिति में किसी भी एकतरफा बदलाव का भारत विरोध करता है और दोनों देशों को सभी मसले शांतिपूर्वक सुलझाने चाहिए. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने चीन ताइवान के बीच टकराव के मुद्दे कहा, "हम संयम बरतने और यथास्थिति को बदलने के लिए एक-तरफा कार्रवाई से बचने की सलाह देते हैं. तनाव कम करने और क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने की अपील करते हैं. बाकी देशों की तरह भारत भी हाल के घटनाक्रम से चिंतित है."

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, "भारत की नीतियां पहले से ही साफ हैं और उन्हें दोहराने की जरूरत नहीं है." इसके अलावा भारत ने चीन को सांकेतिक तौर पर आतंकवाद का समर्थक भी बता दिया है. गौरतलब है कि चीन आतंकी मसूद अजहर के भाई अब्दुल रऊफ अजहर को संयुक्त राष्ट्र में ब्लैक लिस्ट में डालने पर अड़ंगा डाल रहा है. 

इस प्रस्ताव पर चीन की ओर से रोक लगाने को विदेश मंत्रालय ने खेदजनक और गैर जरूरी करार दिया है.  अरिंदम बागची ने कहा कि हम ऐसे आतंकवादियों को न्याय के कटघरे में लाने की कोशिश आगे भी जारी रखेंगे. हमें इस बात का खेद है कि अब्दुल रऊफ अजहर को ब्लैक लिस्ट में डाले जाने के प्रस्ताव पर तकनीकी रोक लगाई गई है.

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गौरतलब है कि चीन लगातार पाकिस्तान पोषित आतंकियों के संय़ुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकी घोषित होने के मुद्दे पर अपने वीटो का प्रयोग करता रहा है. इसके अलावा चीन की विस्तारवादी नीति सर्वाधिक विवादों में रही है जिसके चलते भारत का चीन के साथ लद्दाख में पिछले दो वर्षों से टकराव जारी है.

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