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Ban on Imran Khan: बनाना चाहते थे क्रांतिकारी सरकार, गिफ्ट चोरी और गबन कांड ने कैसे बढ़ा दी मुश्किलें?

पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने कहा है कि इमरान खान ने प्रधानमंत्री के तौर पर मिले उपहारों को बेचकर पैसे कमाए थे.

Ban on Imran Khan: बनाना चाहते थे क्रांतिकारी सरकार, गिफ्ट चोरी और गबन कांड ने कैसे बढ़ा दी मुश्किलें?

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (फोटो क्रेडिट- ImranKhanOfficial/Facebook)

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डीएनए हिंदी: इमरान खान (Imran Khan) के सितारे गर्दिश में चल रहे हैं. सत्ता गंवाने के बाद अब वह सांसद पद भी गंवा चुके हैं. पाकिस्तान (Pakistan) के चुनाव आयोग (Election Commission) ने उन्हें सांसद के तौर पर अयोग्य ठहरा दिया है. इमरान खान को नेशनल असेंबली के सदस्य के तौर पर अयोग्य ठहरा दिया गया है. उनकी बर्खास्तगी पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ के लिए संकट पैदा कर सकती है.

तोशाखाना मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को अगले पांच साल के लिए चुनाव लड़ने के अयोग्य करार दिया है. इमरान खान सत्ता में किसी क्रांतिकारी की तरह आए थे. जनता को उम्मीद थी कि वह भ्रष्टाचार खत्म करके मानेंगे. भ्रष्टाचार तो खत्म नहीं हुआ, इमरान की सरकार खत्म हो गई.

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10 अप्रैल को नेशनल असेंबली में एक अविश्वास मत में हारने के बाद इमरान को सत्ता से बेदखल कर दिया गया था. सत्ता गंवाने के बाद वह बौखलाते रह गए लेकिन सत्ता नहीं बचा  सके. शहबाज शरीफ के नेतृत्व में गठबंधन आगे आया और इमरान खान की विदाई हो गई. 

इमरान खान.

इमरान खान से डरती क्यों हैं सत्तारूढ़ सरकार?

16 अक्टूबर को नेशनल असेंबली में 8 सीटों और पंजाब प्रांतीय विधानसभा में 3 सीटों के लिए उपचुनाव हुए, जिसमें इमरान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने शानदार जीत हासिल की. छह नेशनल असेंबली और दो पंजाब विधानसभा सीटों पर इमरान खान की पार्टी को जीत मिली.

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यह साफ इशारा कर रहे थे कि इमरान खान की लोकप्रियता खत्म नहीं हुई है. उनका जनसमर्थन बेहद मजबूत है. इमरान खान, अपनी सरकार गिरने के बाद लगातार कह रहे थे कि उनकी सरकार आयातित है और गलत तरीके से बनाई गई है.

विदेशी साजिश को मानने लगी है पाकिस्तानी जनता?

इमरान खान दावा कर रहे थे कि उनकी सरकार के गिरने में सबसे बड़ा हाथ अमेरिका का है. शाहजाब शरीफ सत्ता में केवल इसलिए आए थे क्योंकि उन्हें अमेरिका ने समर्थन दिया था.

इमरान खान.

इमरान खान, चुनाव आयोग से तत्काल चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं. अगर मौजूदा वक्त में चुनाव हो जाए तो संभव है कि वह सरकार में दोबारा आ जाएं. उनकी लोकप्रियता बरकरार है, यह हालिया चुनाव भी साबित कर रहे हैं.

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बेहद कमजोर है शहबाज शरीफ?

शहबाज सरकार किसी तरह गठबंधन के भरोसे चल रही है, जिसके लिए इमरान खान संकट पैदा कर सकते हैं. अब इमरान को अब नेशनल असेंबली से बाहर कर दिया गया है. मौजूदा सियासी संकट साफ इशारा कर रहा है कि किसके इशारे पर इमरान खान के बुरे दिन शुरू हुए हैं.

इमरान खान पर क्यों गिरी है अयोग्यता की गाज?

पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने यह कहा है कि प्रधानमंत्री रहते हुए इमरान खान ने अलग-अलग देशों के राष्ट्राध्यक्षों और गणमान्य लोगों से मिले उपहारों को बेचकर पैसे कमाए हैं. इमरान खान के सियासी संकट की एक बड़ी वजह यही है. पाकिस्तान में दूसरे भी कई प्रधानमंत्री ऐसे हैं, जिन पर यह आरोप लग चुके हैं. इन्हें तोशाखाना कांड के तौर पर जाना जाता है. 

क्या है तोशाखाना?

तोशाखाना का मतलब सरकारी खजाना है. पाकिस्तान में विदेशी नेताओं से मिलने वाले किसी भी उपहार को सरकारी खजाने में जमा कराना होता है. इमरान खान ने उन उपहारों को सरकारी खजाने में जमा करने की जगह बेचकर पैसे कमा लिए. इसे तोशाखाना केस कहा जा रहा है. तोशाखाना की स्थापना साल 1974 में हुई थी. सिर्फ प्रधानमंत्री ही नहीं, संवैधानिक पदों पर बैठे हर शख्स पर यह नियम लागू होता है. 

इमरान खान.

पाकिस्तान के बड़े अधिकारियों पर भी यह नियम लागू होगा है. साल 2018 में जब इमरान खान सत्तारूढ़ हुए तब उन्होंने किसी भी नियम का पालन नहीं किया. इमरान खान ने तब तर्क दिया था कि ऐसा करने से अन्य देशों के साथ पाकिस्तान के संबंध खतरे में पड़ जाएंगे.
 
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने शुक्रवार को दावा किया कि पाकिस्तान की यह पहली प्रमाणित चोरी है, जिस पर चोरी के अकाट्य सबूत सामने आने के बाद एक्शन लिया गया है.

कब सामने आया था गिफ्ट कांड?

अगस्त में, इमरान खान को सत्ता से हटाए जाने के कुछ महीनों बाद, सत्तारूढ़ गठबंधन के कुछ सांसदों ने नेशनल असेंबली के अध्यक्ष राजा परवेज अशरफ ने सामने एक आरोप पत्र दायर किया था. इमरान खान पर आरोप लगाए गए थे कि जो गिफ्ट उन्हें मिले, उसका विवरण तोशाखाना को नहीं सौंपा गया था. उन्हें बेचकर पैसे कमाए गए. पाकिस्तान के स्पीकर ने इसे मुख्य चुनाव आयुक्त सिकंदर सुल्तान राजा को भेज दिया था.

8 सितंबर को, इमरान खान को नोटिस मिला था. उन्होंने इस नोटिस का जवाब दिया था और कहा था कि प्रधानमंत्री रहते हुए मिले चार उपहारों को उन्होंने बेच दिया था. इन उपहारों में ग्रेफ, रोलेक्स घड़ी, कफ़लिंक की एक जोड़ी, एक महंगी कलम, कई धातुओं की चीजें और एक अंगूठी शामिल थी.

किस कानून के तहत इमरान खान पर गिरी गाज

पाकिस्तानी अखबार डॉन ने चुनाव आयोग के फैसलों की रिपोर्ट प्रकाशित की है. रिपोर्ट के मुताबिक इमरान खान ने जानबूझकर चुनाव अधिनियम, 2017 के प्रावधानों का उल्लंघन किया था और गलत बयान दिया था. साल 2020-21 के लिए उन्होंने अपनी संपत्तियों के बारे में भी गलत जानकारी शेयर की थी.

इमरान खान.

इमरान खान को चुनाव अधिनियम की धाराओं के साथ, संविधान के अनुच्छेद 63 (1) (पी) के तहत अयोग्य घोषित कर दिया गया. पाकिस्तानी संविधान के अनुच्छेद 63 (1) (पी) में कहा गया है कि एक व्यक्ति कुछ समय के लिए, किसी भी कानून के तहत मजलिस-ए-शूरा या प्रांतीय विधानसभा के सदस्य के रूप में चुने जाने या चुने जाने के लिए अयोग्य ठहराया जा सकता है.

अब क्या करेंगे इमरान खान?

इमरान खान के खिलाफ हुए इस फैसले पर लोग गुस्से में हैं. ज्यादातर लोग भ्रम में भी हैं. फैसला आने के बाद इमरान खान गुट ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट का रुख किया है. अगर इमरान खान अयोग्य ठहराए गए हैं तो उनकी सीट पर चुनाव कराए जाएगा. उनकी अयोग्यता तब तक रहेगी, जब तक कि संसद का कार्यकाल पूरा नहीं हो जाता है. हाई कोर्ट अगर फैसला बरकरार रखता है तो इमरान खान के पास सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प होगा.

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