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Jacob Juma और गुप्ता ब्रदर्स ने ऐसा क्या किया कि लुट गया साउथ अफ्रीका? पढ़िए पूरी कहानी

Gupta Brothers and Jacob Juma Connection: दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ घोटाले में संलिप्त होने के आरोपी गुप्ता बंधु गिरफ्तार हो गए.

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Jacob Juma और गुप्ता ब्रदर्स ने ऐसा क्या किया कि लुट गया साउथ अफ्रीका? पढ़िए पूरी कहानी

जैकब जुमा और गुप्ता ब्रदर्स ने साउथ अफ्रीका को लगाया चूना

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डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले गुप्ता ब्रदर्स (Gupta Brothers) दक्षिण अफ्रीका में बहुत बड़े नाम बन गए. अब संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से दो गुप्ता बंधुओं को गिरफ्तार किया गया है. एक समय था कि दक्षिण अफ्रीका में गुप्ता ब्रदर्स की तूती बोलती थी. उस समय दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रहे जैकब जुमा (Jacob Juma) से गुप्ता ब्रदर्स की करीबी और इनके गठजोड़ (Nexus) के चर्चे खूब मशहूर हुए.

आरोप है कि गुप्ता ब्रदर्स ने जैकब जुमा से अपने संबंधों के आधार पर दक्षिण अफ्रीका में जमकर धांधली और घोटाले किए. इतना ही नहीं, इन लोगों ने सरकार से लेकर कंपनियों तक में अपने लोग सेट किए और जिसे जहां से चाहा वहां से हटवा भी दिया. आइए बताते हैं कि गुप्ता ब्रदर्स और जैकब जुबा के इस गठजोड़ ने दक्षिण अफ्रीका में किस तरह का घोटाला किया.

भारत से दक्षिण अफ्रीका गए और बन गए बेताज बादशाह
साल 1990 में गुप्ता ब्रदर्स यानी तीनों गुप्ता भाई अतुल, राजेश और अजय गुप्ता दक्षिण अफ्रीका पहुंचे. इन लोगों ने जूतों और कंप्यूटर का छोटा-मोटा कारोबार शुरू किया. धीरे-धीरे इनका धंधा चल निकला. हाथ में पैसे आए तो गुप्ता ब्रदर्स ने पांव पसारने शुरू किए. इन लोगों ने खनन, इंजीनियरिंग, मीडिया और कई अन्य कारोबारों में भी हिस्सेदारी खरीदी और दक्षिण अफ्रीका में प्रभावशाली शक्ति बन गए.

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दक्षिण अफ्रीका की कंपनियों से लेकर राजनीति तक में गुप्ता ब्रदर्स ने जमकर हस्तक्षेप किया. आरोप है कि गुप्ता ब्रदर्स ने अच्छा काम करने वाले मंत्रियों को अधिकारियों को हटवा दिया और अपने लोगों को सरकारी और अर्ध सरकारी कंपनियों में पद दिलवा दिया. बाद में गुप्ता ब्रदर्स इन्हीं लोगों की मदद से घोटाले करते थे.

जैकब जुमा गए जेल और गुप्ता ब्रदर्स हुए फरार
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपित के पद पर साल 2009 से 2018 तक जैकब जुमा ही थे. साल 2021 में अदालत की अवमानना के मामले में जैकब जुमा को 15 महीने की कैद की सजा सुनाई गई थी. दरअसल, जैकब जुमा ने जांच आयोग की सुनवाई का बहिष्कार किया था और आयोग के सामने पेश होने से इनकार कर दिया था. जैकब जुमा ने कहा था कि वह आयोग के सामने पेश होने के बजाय जेल जाना पसंद करेंगे.

जैकब जुमा को जाना पड़ा जेल

राष्ट्रपति जैकब जुमा से गुप्ता ब्रदर्स के नज़दीकी संबंध थे. जैकब जुमा की पत्नी बांगॉ न्गेमा-जुमा गुप्ता परिवार के लिए काम करती थीं. उनकी बेटी दुदुज़िले गुप्ता ब्रदर्स की कंपनी सहारा कंप्यूटर्स में डायरेक्टर थीं. इसके अलावा बेटा दुदुज़ेन भी गुप्ता ब्रदर्स की कुछ कंपनियों में डॉयरेक्टर था. दक्षिण अफ्रीका और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जब गुप्ता ब्रदर्स और जैकब जुमा के कनेक्शन की पोल खुलने लगी तो गुप्ता फैमिली चुपके से दक्षिण अफ्रीका से फरार हो गई. कहा जा रहा था कि गुप्ता ब्रदर्स दुबई में रहते थे. अब दो गुप्ता भाइयों को यूएई से गिरफ्तार किया गया है.

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हिंसक प्रदर्शनों के बाद हटाए गए थे जैकब
साल 2018 में  दक्षिण अफ्रीका में हुए व्यापक विरोध-प्रदर्शनों के कारण अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस (एएनसी) ने जैकब जुमा को राष्ट्रपति पद से हटाते हुए सिरिल रामफोसा को कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया था. कई गवाहों ने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति के रूप में जैकब जुमा के नौ साल के कार्यकाल में हुए बड़े घोटालों और कैबिनेट मंत्रियों की नियुक्तियों में गुप्ता बंधुओं की भूमिका होने की गवाही दी. टैक्स चोरी को खत्म करने वाले संगठन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) वेन डुवेनहेज ने कहा कि उनकी जांच से पता चला है कि देश से भागने से पहले गुप्ता बंधुओं ने लगभग 15 अरब रैंड की अवैध कमाई की थी. 

गुप्ता ब्रदर्स ने आईटी, मीडिया और खनन कंपनियों को शामिल करके अपने कारोबार का विस्तार किया, जिनमें से अधिकांश या तो अब बिक चुकी हैं या फिर बंद हो गई हैं. बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) का नाम भी इस घोटाले में सामने आया था. ऐसी सूचना थी कि बैंक ने ऐसे समय में गुप्ता बंधुओं के लिए खाता खोलकर उनकी सहायता की थी, जब सभी दक्षिण अफ्रीकी बैंकों ने परिवार के साथ लेन-देन बंद कर दिया था. बैंक ऑफ बड़ौदा ने बाद में संचालन में वैश्विक कटौती का हवाला देते हुए अपनी दक्षिण अफ्रीकी शाखाएं बंद कर दी थीं.

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अरबों रैंड घोटाले के बाद दुबई भाग गए गुप्ता ब्रदर्स
गुप्ता बंधुओं पर आरोप है कि उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ अपने संबंधों का इस्तेमाल आर्थिक लाभ हासिल करने और शीर्ष पदों पर नियुक्तियों को प्रभावित करने के लिए किया. हालांकि, गुप्ता बंधुओं ने हमेशा इन आरोपों का खंडन किया. अधिकारियों ने कहा कि 2018 में दक्षिण अफ्रीका में सरकार से संबद्ध संस्थानों में अरबों रैंड (दक्षिण अफ्रीकी मुद्रा) का घोटाला करने के बाद गुप्ता परिवार दुबई चला गया था. 

राजनीति से लेकर कारोबार के क्षेत्र में था गुप्ता ब्रदर्स का दखल

दक्षिण अफ्रीका के न्याय और सुधार सेवा विभाग ने एक बयान जारी कर कहा, ‘यूएई और दक्षिण अफ्रीका में विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच आगे की कार्रवाई पर चर्चा जारी है. दक्षिण अफ्रीका की सरकार यूएई के साथ सहयोग करना जारी रखेगी.’ इंटरपोल ने अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा पहले से ही वॉन्टेड घोषित गुप्ता ब्रदर्स के खिलाफ रेड नोटिस जारी किया था. रेड नोटिस वैश्विक स्तर पर ऐसे व्यक्तियों की गिरफ्तारी के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सतर्क करने की खातिर जारी किया जाता है, जो लंबे समय से वॉन्टेड हैं.  

गिरफ्तारी में रोड़ा अटका रहा था कानून
इससे पहले, दोनों देशों (यूएई और दक्षिण अफ्रीका) के बीच प्रत्यर्पण संधि नहीं होने के कारण गुप्ता बंधुओं की गिरफ्तारी को लेकर यूएई के साथ बातचीत के परिणाम नहीं निकलने पर दक्षिण अफ्रीका ने संयुक्त राष्ट्र से आरोपियों को दक्षिण अफ्रीका वापस लाने में मदद करने की अपील की थी. जून 2021 में संधि की पुष्टि होने के तुरंत बाद दक्षिण अफ्रीका ने गुप्ता बंधुओं के प्रत्यर्पण का अनुरोध करने की प्रक्रिया शुरू की.

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दक्षिण अफ्रीका की सरकार ने बताया है कि गुप्ता बंधुओं (राजेश और अतुल) को गिरफ्तार किया गया है, जो पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के शासन के दौरान राजनीतिक भ्रष्टाचार के केंद्र में थे. इन दोनों भाइयों को दुबई में गिरफ्तार किया गया. हालांकि, फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि तीसरे भाई अजय को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया. यह गिरफ्तारी इंटरपोल द्वारा पिछले साल जुलाई में गुप्ता बंधुओं के खिलाफ नोटिस जारी किए जाने के लगभग एक साल बाद हुई है. 

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