Apr 30, 2024, 02:35 PM IST

खूंखार मगरमच्छों से भरी इस नदी को क्यों कहते हैं वरदान?

Smita Mugdha

अफ्रीका महाद्वीप के पूर्वी भाग में प्रवाहित होने वाली नील नदी विश्व की सबसे लंबी नदी है.

नील नदी की लंबाई 6650 किलोमीटर है और यह एक-दो नहीं बल्कि 11 अफ्रीकी देशों से निकलती है. 

व्यापार, कृषि और एक महत्वपूर्ण परिवहन संसाधन के तौर पर नील नदी अपना योगदान देती है.

नील नदी अफ्रीका की विक्टोरिया झील से निकलती है और इसे मिस्र का वरदान भी कहा जाता है. 

नील नदी को खूंखार मगरमच्छों के लिए जाना जाता है, क्योंकि इसमें बहुत बड़ी संख्या में मगरमच्छ पाए जाते हैं.

नील नदी की उपजाऊ मिट्टी और पर्याप्त पानी की उपलब्धता की वजह से मिस्र की ज्यादातर आबादी को फायदा पहुंचता है. 

मिस्त्र की प्राचीन सभ्यता भी नील नदी की वजह से फली-फूली थी. यहां बनाए गए पिरामिडों में लगे पत्थर नील नदी के जरिए ही लाए गए थे.

नील नदी के योगदान और महत्व के चलते हर साल इस नदी के किनारे मिस्र में एक खास उत्सव मनाया जाता है. 

नील नदी के किनारे होने वाले इस उत्सव का नाम वफा-ए-नील है जिसे मिस्र के लोग नदी के लिए अपना प्यार दिखाने के एक मौके के तौर पर मनाते हैं.