May 7, 2024, 11:12 PM IST

पाकिस्तान में चलता है इस हिंदू महिला अफसर का हुक्म

Kuldeep Panwar

पाकिस्तान में हिंदू समुदाय की स्थिति बेहद खराब है. उन्हें सरकारी नौकरियों में ऊंचे पद नहीं मिलते. लेकिन वहां 4 साल पहले एक करिश्मा हुआ था.

जिस पाकिस्तान में हिंदू लड़कियों का अपहरण-धर्म परिवर्तन आम बात है. वहां पहली बार एक हिंदू लड़की प्रशासनिक अफसर बनी.

डॉ. सना रामचंद ने साल 2020 में पाकिस्तान सेंट्रल सुपीरियर सर्विस (CSS) एग्जाम पास किया था, जो भारत के UPSC Exam जैसा है.

डॉ. सना इसके साथ ही 73 साल में पाकिस्तान एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (PAS) में चुनी जाने वाली पहली हिंदू लड़की बनी थीं. यह भारत के IAS के बराबर है.

28 साल की सना रामचंद PAS ट्रेनिंग के बाद फरवरी 2023 में अटॉक जिले की हासन अब्देल तहसील की असिस्टेंट कमिश्नर बनी हैं.

यह पहला मौका नहीं है जब सना ने कमाल किया है. इससे पहले वे साल 2017 में सिंध पब्लिक सर्विस कमीशन का एग्जाम भी पास कर चुकी हैं.

सना पाकिस्तान के सिंध प्रांत के शिकारपुर जिले के छोटे से कस्बे चक निवासी रामचंद गुलवानी व सलोचना गुलवानी की सबसे बड़ी बेटी हैं.

3 नवंबर, 1993 को जन्मीं सना ने सरकारी स्कूल में पढ़ाई करने के बाद 2016 में बेनजीर भुट्टो मेडिकल यूनिवर्सिटी से MBBS की डिग्री ली है.

कराची सिविल अस्पताल से ट्रेनिंग के बाद सना CSS एग्जाम की तैयारी करने के साथ ही शिकापुर में ही अपना क्लीनिक भी चला रही थीं.

सना ने CSS में पास नहीं होने पर सर्जन बनने की सोच रखी थी. इसके लिए वे सिंध इंस्टीट्यूट ऑफ यूरोलॉजी एंड ट्रांसपेरेंट से मास्टर्स इन सर्जरी भी कर रही थीं.

सना की दो बहनें भी हैं. सोनम रामचंद सॉफ्टवेयर इंजीनियर है, जबकि नंदिनी रामचंद सना की ही तरह MBBS की पढ़ाई कर रही है.