Jan 14, 2025, 02:47 PM IST

लोहड़ी में 'ल', 'ओह' और 'ड़ी' का मतलब क्या है?

Raja Ram

लोहड़ी मुख्य रूप से उत्तर भारत में, खासकर पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में बड़े धूमधाम से मनाई जाती है. यह एक आनंदपूर्ण अवसर होता है, जब परिवार और दोस्त एक साथ होते हैं.

इस दिन लोग शाम के समय आग जलाते हैं और फिर उसमें विभिन्न पदार्थों को अर्पित करते हैं, जैसे मूंगफली, तिल, गुड़, गजक आदि. ये समर्पण सामूहिक खुशी और समृद्धि का प्रतीक माने जाते हैं.

इस दिन, विशेष रूप से तिल और गुड़ का सेवन किया जाता है, क्योंकि ये पदार्थ सर्दी में ऊर्जा प्रदान करने के लिए लाभकारी माने जाते हैं.

लोहड़ी शब्द में कुछ छिपे अर्थ हैं. क्या आपने कभी सोचा है कि 'ल', 'ओह' और 'ड़ी' का क्या मतलब है?

लोहड़ी में 'ल' से तात्पर्य लकड़ी से है, क्योंकि इस दिन अग्नि प्रज्वलित करने के लिए लकड़ी की आवश्यकता होती है. यह आग जीवन की ऊर्जा और समृद्धि का प्रतीक मानी जाती है.

'ओह' का अर्थ गोह या सूखे उपले से है. ये उपले अग्नि को प्रज्वलित करने के लिए उपयोग में लाए जाते हैं. ये सूखे गोह स्थानीय ग्रामीण जीवन का हिस्सा रहे हैं.

'ड़ी' का संबंध रेवड़ी से है, जो एक पारंपरिक मिठाई होती है. इस दिन रेवड़ी का सेवन करना भी शुभ माना जाता है, जो सुख-समृद्धि और मिठास का प्रतीक है.