Apr 28, 2024, 10:55 PM IST

'मैं फूल हूं तो फिर, तेरे बालों में क्यों नहीं हूं..' पढ़ें हाफ़ी साहब की प्यार भरी कुछ गजलें

Puneet Jain

गुलजार से लेकर मिर्जा ग़ालिब और राहत इंदौरी तक दुनिया में ऐसे कई शायर हैं, जिनकी शायरियां लोगों के मन को भाती हैं.

लेकिन आज हम आपको एक ऐसे शायर के बारे में बता रहे हैं जो केवल पाकिस्तान ही नहीं बल्कि भारतीयों के दिलों में भी छाए हुए हैं.

जी हां हम बात कर रहे हैं 5 दिसंबर1989 को पाकिस्तान के तौंसा शरीफ़(ज़िला डेरा ग़ाज़ी ख़ान) में जन्मे युवा शायर तहज़ीब हाफ़ी की. 

बेहद खूबसूरत लहजे से अपने शब्दों को बयान करने वाले इस युवा कवि ने लोगों के दिल में अपनी जगह बना ली है.

आइए जानते हैं इश्क, प्यार या यू कहें मुहब्बत को लेकर हाफ़ी साहब ने क्या कुछ कहा है.

तुम क्या जानो उस दरिया पर क्या गुजरी तुमने तो बस पानी भरना छोड़ दिया..

तेरा चुप रहना मेरे ज़ेहन में क्या बैठ गया इतनी आवाज़ें तुझे दीं कि गला बैठ गया..

इतना मीठा था वो गुस्से से भरा लहजा मत पूछ  उसने जिस जिस को भी जाने को कहा वो बैठ गया..

सच बताएं तो तेरी मोहब्बत ने खुद पर तवज्जो दिलाई हमारी..

रात के तीन बजने को है, यार ये कैसा महबूब है? जो गले भी नहीं लग रहा और घर भी नहीं जा रहा..!