Apr 13, 2024, 06:54 PM IST

देवी देवताओं को भोग के बाद मंदिर में क्यों नहीं रखना चाहिए प्रसाद, जानिए वजह

Nitin Sharma

देवी या देवताओं की छोटी या बड़ी पूजा में धूप दीप के बाद भगवान को भोग प्रयाद या नैवेद्य जरूर अर्पित किया जाता है. 

भगवान को भोग लगने के बाद यह प्रसाद बन जाता है, जिसे लोगों के बीच बांट दिया जाता है, लेकिन कुछ लोग ऐसा नहीं करते हैं. वह घर या मंदिर में भगवान के सामने इसे रख देते हैं. कुछ लोग असमंजस में रहते हैं कि इसका क्या करें.

ज्योतिषाचार्य प्रीतिका मोजुमदार के अनुसार, भगवान को भोग लगाते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. 

नैवेद्य यानी भगवान को भोग सोने, चांदी, तांबे, लकड़ी या फिर मिट्टी के पात्र में रखकर लगाना चाहिए. स्टील का बर्तन इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.

भगवान को चढ़ाया हुआ सामान भोग के बाद प्रसाद स्वरूप हो जाता है. इसे भोग लगाने के बाद तत्काल उठा लेना चाहिए.  

ज्योतिष के अनुसार, देवता के सामने घंटों रखा प्रसाद नेगेटिव एनर्जी के संपर्क में आने से अशुद्ध हो जाता है. इसलिए भगवान को भोग लगाने के बाद इसे तुरंत उठा लेना चाहिए.

ऐसा न करने पर प्रसाद विश्वकसेन, चण्डेश्वर और चांडाली नामक शक्तियों के संपर्क में आने की बात कही गई है, जो प्रसाद को अशुद्ध कर देते हैं.

Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.