Jan 14, 2025, 03:57 PM IST

 भीष्म पितामह ने आज का दिन को ही अपनी मौत के लिए क्यों चुना था? 

Ritu Singh

महाभारत में वर्णित है, पितामह भीष्म को अपने पिता शांतनु से इच्छामृत्यु का वरदान प्राप्त था.

महाभारत के 10वें दिन ही भीष्म बाणों की शैय्या पर गिर गए थे लेकिन वह अपनी मौत के लिए सूर्य के उत्तरायण होने का इंतजार करते रहे थे.

हर दिन शाम को युद्ध समाप्ति के बाद पांडव भीष्म से मिलने जाते थे और भीष्म अपनी मौत के लिए सही दिन का इंतजार कर रहे थे.

असल में भीष्म जब सूर्य उत्तरायण होने पर ही अपने प्राण इसलिए देना चाहते थे क्योंकि तब  पृथ्वी प्रकाशमय हो जाती है. इस काल में शरीर त्यागने वाले व्यक्ति का पुनर्जन्म नहीं होता. 

और वे सीधे ब्रह्मलोक को प्राप्त करते हैं. इसी कारण भीष्म पितामह ने प्राण त्यागने के लिए सूर्य के उत्तरायण होने का इंतजार किया.

मकर संक्रांति के दिन सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो सूर्य उत्तरायण होते हैं. इससे पहले वह दक्षिणायण होते हैं.

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, दक्षिणायन में मृत्यु होने पर व्यक्ति को पुनर्जन्म लेना पड़ता है.

वहीं, सूर्य के उत्तरायण में मृत्यु होने पर व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और भीष्म दोबार धरती पर जन्म नहीं लेना चाहते थे, इसलिए...

सूर्य के उत्तरायण होने पर अपने प्राण त्याग दिए थे.