May 29, 2024, 06:57 PM IST

शव को अकेला क्यों नहीं छोड़ा जाता? 

Abhay Sharma

हिंदू मान्यता में जब तक शव का दाह संस्कार नहीं होता तब तक शव को एक पल के लिए भी अकेला नहीं छोड़ा जाता है

 कई लोग इसे अंधविश्वास मानते हैं लेकिन 'गरुड़ पुराण' के अनुसार इसके कुछ कारण बताए गए हैं. 

मृत्यु के बाद आत्मा 13 दिनों तक अपने शव के आसपास रहती है. ऐसे में शव के पास परिजनों को बैठा देख आत्मा को शांति मिलती है. 

शव को अकेला छोड़ने पर जंगली जानवरों का आक्रमण हो सकता है, या शव को कुत्ते-बिल्ली नोच सकते हैं. 

गरूड़ पुराण के अनुसार अगर शव को नोचा गया तो यमलोक की यात्रा के दौरान आत्मा को भी वैसा ही कष्ट भोगना पड़ता है. 

गरूड़ पुराण के अनुसार, शव के नज़दीक परिजनों की मौजूदगी मृतक की आत्मा को बलवान करती है और शव में कोई दुरात्मा प्रवेश नहीं करती. 

 मृत्योपरांत ही शरीर का क्षरण होने लगता है, ऐसे में शव की गंध को रोकने के लिए भी शव को अकेला नहीं छोड़ा जाता है. 

शव के नज़दीक बैठा मनुष्य लगातार फूल, धूप दीप का निस्तारण करता है, ऐसे में कोई कीड़ा इत्यादि भी शव में प्रवेश नहीं करता है. 

गरुड़ पुराण को हिंदू धर्म में आत्मा को मुक्ति प्राप्त कराने वाला ग्रंथ माना गया है. इसमें बताए गए रीतियों का सभी को पालन करना चाहिए.