Feb 18, 2025, 11:18 AM IST

स्त्रियों को न छूने का श्राप रावण को किसने दिया था?  

Ritu Singh

रावण भले ही सीता जी को हरण कर लंका ले आया था लेकिन वह उन्हें कभी छू तक नहीं सका था.

रावण को एक श्राप मिला था जिससे चलते वह किसी भी पराई स्त्री को उसकी मर्जी के बिना छू तक नहीं सकता था.

सीता जी के लिए रावण को ये मिला श्राप वरदान बन गया था लेकिन रावण के लिए ये श्राप उसकी मंशा को पूरा करने से रोकता था.

रावण को दिए गए श्राप का उल्लेख वाल्मीकि रामायण के उत्तरकांड के 26वें अध्याय और 39वें श्लोक में मिलता है. रावण को ये श्राप दिया किसने था, चलिए जानें.

एक दिन  स्वर्ग की अप्सरा रंभा अपने भावी पति नलकुबेर से मिलने जा रही थी, तो रास्ते में उसकी मुलाकात रावण से हुई.

रम्भा की सुन्दरता देखकर रावण उस पर मोहित हो गया और उसके साथ दुर्व्यवहार करने लगा

रावण को रंभा ने आगाह किया कि वह ऐसा न करें और नलकुबेर उनके भाई का बेटा है. इस लिहाज से वह उनके पिता और ससुर जैसे हैं.

 इतना सब होने के बावजूद भी रावण ने रंभा के प्रति अनुचित व्यवहार किया. जब नलकुबेर को इस बात का पता चला तो उसने रावण को श्राप दिया कि ...

यदि वह किसी स्त्री को उसकी सहमति के बिना स्पर्श करेगा तो उसका सिर सौ टुकड़ों में बंट जाएगा. इस श्राप के कारण रावण सीता जी को छूने से डरता था रावण.