अनैतिक संबंध रखने का महिलाओं को किसने दिया था श्राप?
Ritu Singh
विवाहित महिलाओं को पर पुरुष से अनैतिक संबंध के श्राप मिला है और ये श्राप किसने और किस कारण दिया, चलिए जानें.
महिलाओं को श्राप देने के पीछे एक पौराणिक कथा का जिक्र है और ये मान्यता है कि इसी कारण कुछ महिलाएं अक्सर दूसरे पुरुषों की ओर आकर्षित होती रहती हैं.
कथा अनुसार भगवान ब्रह्मा जी ने अपनी बेटी अहिल्या का विवाह ऋषि गौतम से किया था.
विवाह के बाद अहल्या एक दिन गंगा नदी में स्नान करने जा रही थीं तभी मार्ग में इन्द्रदेव की नजर उनपर पड़ी और वह अहिल्या की सुन्दरता पर मोहित हो गये.
भगवान इंद्र ने अपने मित्र चंद्र को अपनी इस इच्छा के बारे में बताया. दोनों मिलकर अहिल्या को पाने के लिए एक छल योजना बनाई.
एक दिन इंद्र गौतम ऋषि के भेष में और चंद्र मुर्गे के रूप में आधी रात में गौतम मुनि के घर के पास आए और चंद्रमा मुर्गे की तरह बांग देने लगे.
सोये हुए गौतम मुनि ने सोचा सुबह हो गयी है और वे गंगा में स्नान करने चले गये और मौका देखकर भगवान इंद्र गौतम मुनि के रूप में अहल्या के पास आए.
और अहल्या संग प्रेम वासना करने लगे लेकिन तभी असली गौतम ऋषि को अहसास हुआ कि अभी भोर नहीं हुई और वह वापस घर आए तो अहल्या को अपने जैसे ही एक आदमी के साथ देखा.
इससे गौतम मुनि क्रोधित हो गए और अहल्या से कहा कि क्या वह अपने पति को पहचान नहीं सकतीं और इस गलती के लिए वह संपूर्ण स्त्री कुल को श्राप दे दिए कि स्त्रियों की इच्छाएं कभी खत्म नहीं होंगी.
गौतम ऋषि ने श्राप दिया कि स्त्री को चाहे कितनी भी संतुष्टि मिले, वह बार-बार संतुष्ट होने को विचलित रहेगी और अहिल्या को पत्थर बना दिया.
और क्रोध में गौतम ऋषि ने इंद्र को नपुंसक होने का श्राप दे दिया.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी समान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)