Jan 20, 2025, 06:45 PM IST
मरे हुए इंसान का कौन सा अंग खाना पसंद करते हैं अघोरी?
Rahish Khan
अघोरी साधुओं की दुनिया इतनी रहस्यमय होती है कि जानकर हर कोई अचरज में पड़ सकता है.
अघोरी बाबाओं की तांत्रिक साधना ज्यातर श्मशान में होती है. श्मशान की राख को वो अपने शरीर पर लगाते हैं.
अघोरी नरमुंड यानी मानव खोपड़ियों को भोजन के पात्र के रुप में इस्तेमाल करते हैं.
अघोरी साधु मानव के मांस का सेवन करते हैं. उन्हें मरे हुए इंसान का बोन मेरो पसंद होता है.
वह मांस खाने के साथ-साथ मानव खोपड़ी का इस्तेमाल करते हैं.
अघोरियों द्वारा मांस खाने के पीछे तर्क दिया जाता है कि व्यक्ति के मन से घृणा निकल जाए.
जिनसे समाज घृणा करता है, अघोरी उसे अपनाता है. लोग श्मशान, मुर्दा, कफन देखना पसंद नहीं करते, लेकिन अघोरी इन्हें अपनाते हैं.
अघोर का मतलब अ+घोर यानी घृणा नहीं, डरता नहीं और जिसमें किसी को लेकर कोई भेदभाव नहीं हो.
(Disclaimer: हमारा लेख विभिन्न माध्यमों पर दी गई जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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