एक ऐसा फल जो ताकत देने वाला माना गया है लेकिन वह वेज न होकर नॉनवेज कहा जाता है.
जैन धर्म ही नहीं कुछ हिंदू और वेजिटेरियन लोग इस फल को नॉनवेज मानकर नहीं खाते हैं.
ये फल है अंजीर. अंजीर ताकत का खजाना माना गया है लेकिन इसे नॉनवेज क्यों माना गया है, चलिए जान लें.
अंजीर को लेकर अक्सर ये कहा जाता है कि ये एक ‘मांसाहारी फल’ है. लेकिन इन सारी बातों के पीछे आखिर क्या सच है? चलिये ये भी जानेंगे.
असल में अंजीर तो वेज फल है लेकिन इसके बनने कि प्रक्रिया में अंजीर एक उल्टे बंद फूल के रूप में होते हैं. इस आकृति के कारण मादा ततैया फूल के छोटे से छेद में प्रवेश अंडे देती है.
इस प्रक्रिया के दौरान उसके डंक और पंख टूट जाते हैं और वह बाहर नहीं निकल पाती, जिसके कारण उसकी मृत्यु हो जाती है और वह उसी फूल के अंदर रहती है.
अंजीर में एक एंजाइम फिसिन होता है और ये एंजाइम ततैया के शरीर को प्रोटीन में तोड़ देता है.
ततैया के अंडे से निकले लार्वा तो बाहर निकल जाते हैं लेकिन अंजीर में ततैया के मरने और इसके प्रोटीन इसमें होने के कारण इसे नॉनवेज कहा जाता है.
यही कारण है कि वेजेटिरयन, ब्राह्मण और जैन धर्म के लोग अंजीर खाने से बचते हैं, क्योंकि इसमें सूक्ष्म जीव की मृत्यु शामिल होती है.
हालांकि बहुत से लोग इस प्रक्रिया को एक नेचुरल प्रॉसेस मानते हैं.