राधाअष्टमी पर राधेरानी को लगाएं ये 5 भोग, बन जाएंगे हर काम
Nitin Sharma
सनातन धर्म में जन्माष्टमी के 15 दिन बाद ही राधा अष्टमी आती है. इसी दिन राधा रानी का जन्म हुआ था.
राधा अष्टमी पर राधारानी की विधि विधान से पूजा अर्चना करने के साथ ही भोग लगाने से राधेरानी और श्रीकृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
राधे रानी को उनके प्रिय भोग लगाने से जीवन में खुशियां, शांति और धनसंपत्ति आती है.
राधा अष्टमी पर राधे रानी को मालपुए का भोग लगा सकते हैं. मान्यता है कि राधेरानी को मालपुए का भोग लगाने से श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं. राधा रानी का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है.
राधा अष्टमी के दिन सुबह उठते ही स्नान के बाद राधा रानी की पूजा अर्चना करें. इसके बाद विधि विधान से उनकी पूजा अर्चना कर पान के बीडे का भोग लगाएं. पान का बीड़ा श्रीकृष्ण और राधारानी को बहुत ही प्रिय है.
राधेरानी के जन्मदिन पर उन्हें सुबह पंचामृत का भोग जरूर लगाएं. पंचामृत को बनाने के लिए दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल को मिक्स कर लें. इसके बाद इन सभी चीजों को एक साथ कर भगवान श्रीकृष्ण और राधे रानी को भोग लगाएं.
राधा अष्टमी की पूजा की पूजा में भोग के रूप में मोहन थाल भी अर्पित कर सकते हैं. यह वृंदावन में मुख्य रूप से भोग लगाया जाता है, जहां पर राधारानी भगवान श्रीकृष्ण के साथ विराजमान हैं.
राधा अष्टमी पर राधेरानी को अरबी का भोग लगाना बेहद शुभ होता है. यह राधा जी का सबसे प्रिय भोग में से एक है. ऐसा करने से किशोरी जी प्रसन्न होती हैं. व्यक्ति को अन्नधन प्रदान करती हैं.