Apr 25, 2025, 08:25 PM IST

पहलगाम से है भगवान शिव के नंदी का खास नाता

Kuldeep Panwar

पहलगाम में आतंकी हमले में 26 टूरिस्ट्स की मौत के बाद यह जगह हर तरफ चर्चा में है. इसे कश्मीर का 'स्विट्जरलैंड' भी कहा जाता है.

पहलगाम से ही बाबा अमरनाथ की गुफा की यात्रा शुरू होती है. यहां से अमरनाथ गुफा 48 किलोमीटर दूर है. यह यात्रा पैदल पूरी की जाती है.

पहलगाम से भगवान शिव के अमरनाथ रूप का बेहद खास नाता है. इसी नाते के कारण अमरनाथ यात्रा की शुरुआत यहां से की जाती है.

पहलगाम को कुछ लोग बैलगाम नाम से भी जानते हैं. मान्यता है कि यह कश्मीरी भाषा के पुहेलअर्थ से बना है, जिसका अर्थ चरवाहा होता है.

पहलगाम में घास के बहुत सारे मैदान हैं, जो पशु चराने के लिए बहुत अच्छे माने जाते हैं. इस कारण पहलगाम का अर्थ चरवाहों का गांव है.

प्राचीन मान्यताओं के मुताबिक, माता पार्वती के साथ अमरनाथ गुफा जाते समय भगवान शिव ने पहलगाम में ही अपने नंदी बैल को छोड़ा था.

नंदी को छोड़कर भगवान शिव और माता पार्वती ने पैदल ही आगे का सफर किया था. इसी कारण अमरनाथ यात्रा यहां से पैदल की जाती है.

पहलगाम में 14वीं सदी तक हिंदू राजाओं का राज था, लेकिन 1346 में शम-उद-दीन ने यह इलाका जीतकर यहां मुस्लिम शासन की शुरुआत की.

मुगल बादशाह अकबर की फौज ने जब 1586 में कश्मीर पर कब्जा किया तो पहलगाम का इलाका भी मुगल सल्तनत का हिस्सा बन गया था.

मुगल सल्तनत के पतन के बाद यहां फिर से हिंदू शासकों का राज शुरू हुआ, जो महाराजा हरि सिंह के हस्ताक्षर से 1948 में भारत का हिस्सा बन गया.