पांडवों के अलावा महाभारत के इस योद्धा को चाहती थी द्रौपदी
Nitin Sharma
महाभारत में पांडवों की पत्नी द्रौपदी अर्जुन से लेकर भीम तक की एक सामान सेवा करती थी.
इनमें वह अर्जुन को सबसे ज्यादा प्रेम करती थी. अर्जुन ही द्रौपदी को अपनी मां कुंती के पास लेकर पहुंचे थे.
लेकिन द्रौपदी पांच पांडवों के अलावा महाभारत के एक और योद्ध को दिल से चाहती थी. वह योद्धा कर्ण था.
बमहाभारत ग्रंथ के अनुसार पांडवों से शादी के 12 साल बाद द्रौपदी ने एक बार यू ही वन में एक पेड़ से फल तोड़ लिया. इस फल को तोड़ते ही भगवान श्रीकृष्ण वहां पहुंच गये.
श्रीकृष्ण द्रौपदी को बताया कि यह फल 12 साल तपस्या कर रहा एक साधु खाएगा. अगर यह फल द्रौपदी या पांडवों ने खाया तो श्राप लगेगा. इस पर पांडवों ने श्रीकृष्ण से इसका समाधान पूछा.
श्रीकृष्ण ने बताया कि सभी को अपना सच बताना होगा. ऐसा करने से यह फल फिर से लग जाएगा. इस पर सभी पांडवों ने अपनी सच्चाई बताई.
इस पर द्रौपदी ने बताया कि मैं पांचों पांडवों के अलावा किसी 6वें पुरुष से भी प्यार करती हूं और वह है कर्ण.
द्रौपदी ने बताया कि मेरा विवाह कर्ण के साथ जाति की वजह से नहीं हो पाया था. अब मुझे इसका पछतावा होता है. अगर मैंने कर्ण से विवाह किया होता तो शायद मुझे इतने दुख नहीं झेलने पड़ते.
न ही मुझे इस तरह की समस्या और कड़वे अनुभवों से गुजरना पड़ता. यह कहते ही फल वापस टहनी से जुड़ गया. वहीं यह सच सुनकर पांचों पांडव हैरान रह गये.