Feb 7, 2025, 11:07 AM IST
युधिष्ठिर ने द्रौपदी में कौन सा अवगुण बताया था?
Smita Mugdha
धर्मराज युधिष्ठिर सदैव सत्य बोलते थे और उन्होंने अपने भाइयों और द्रौपदी के अवगुण भी सही समय पर बताए थे.
पांडवों में सबसे बड़े भाई युधिष्ठिर को धर्मराज कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने हमेशा सत्य और धर्म का मार्ग चुना.
महाभारत के युद्ध के बाद जब पांडव और द्रौपदी स्वर्ग गमन के लिए निकले, तो द्रौपदी ने सबसे पहले साथ छोड़ा था.
द्रौपदी के मूर्छित होने के बाद युधिष्ठर ने बताया कि उनके व्यक्तित्व में कौन से दुर्गुण थे जिसकी वजह से वह स्वर्ग की यात्रा पूरी नहीं कर सकीं.
युधिष्ठिर ने कहा कि द्रौपदी को अपने रूपवती और बुद्धिमती होने का अहंकार था. अभिमान इंसान के लिए बड़ा दुर्गुण है.
इसके अलावा, धर्मराज ने कहा था कि द्रौपदी ने अपने सभी पतियों से समान रूप से प्रेम नहीं किया था. यह भी दुर्गुण है.
युधिष्ठिर ने बताया कि अपने पांचों पति से द्रौपदी एक समान प्रेम नहीं करती थीं. वह सबसे ज्यादा अर्जुन से प्रेम करती थीं.
द्रौपदी ने भी स्वीकार किया था कि अर्जुन को उन्होंने सदैव साथी के तौर पर माना. भीम उनके लिए संरक्षक और युधिष्ठिक शिक्षक और मार्गदर्शक रहे.
अर्जुन के हृदय में भी द्रौपदी के लिए हमेशा एक विशेष स्थान था.
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