Jan 24, 2025, 06:51 AM IST

पति-पत्नी के रिश्ते में कैसे तय हो मर्यादा, युधिष्ठिर ने दी थी द्रौपदी को शिक्षा

Smita Mugdha

पांडव और द्रौपदी जब वनवास पर थे तो बड़े भाई होने के नाते युधिष्ठिर ने सबको जीवन, दर्शन और ज्ञान की शिक्षा दी थी. 

चीरहरण की घटना से आहत द्रौपदी के साथ युधिष्ठिर ने लंबा संवाद किया था और पति-पत्नी के रिश्ते का महत्व बताया था. 

पति-पत्नी का रिश्ता किसी भी परिवार की बुनियाद होती है और उनके बीच मजबूत और स्वस्थ संबंध होना जरूरी है. 

युधिष्ठिर ने भी दांपत्य जीवन को परिवार और समाज व्यवस्था की बुनियाद बताते हुए इसके लिए कुछ बातें बताई थी. 

युधिष्ठिर ने चीरहरण से आहत द्रौपदी से कहा था कि पति-पत्नी के रिश्ते में किसी एक घटना को पूरे संबंध की धुरी नहीं बनानी चाहिए. 

इसी तरह धर्मराज का कहना था कि पत्नी और पति के रिश्ते में विश्वास और सम्मान केंद्र में होना चाहिए और ये कभी कम नहीं होना चाहिए. 

उन्होंने कहा था कि पत्नी को पति के फैसलों पर यकीन करना चाहिए और पति को पत्नी के सम्मान के लिए खड़े होना चाहिए.

पति-पत्नी के रिश्ते में अहंकार को हमेशा दूर रखने की सलाह युधिष्ठिर ने दी थी क्योंकि यह प्रेम के भाव को जला देता है. 

इसी तरह से युधिष्ठिर ने कहा था कि पति-पत्नी के रिश्ते में कभी भी अविश्वास नहीं आना चाहिए, यह क्लेश को जन्म देता है.