Mar 4, 2024, 07:43 AM IST

कृष्ण की तरह ही भगवान राम की भी थी गीता

Ritu Singh

कृष्ण की गीता के बारे में तो आप जानते ही होंगे, लेकिन राम की गीता के बारे में बहुत लोग जानते हैं.

अध्यात्म रामायण के उत्तरकाण्ड के पांचवें सर्ग में रामगीता का जिक्र है.

 सीता वनवास प्रसंग के बाद एक बार लक्ष्मणजी ने भगवान श्रीरामचन्द्रजी ज्ञानोपदेश देने की प्रार्थना की थी.

कृष्ण ने कुरुक्षेत्र के मैदान में अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था. वहीं राम गीता में राम ने लक्ष्मण को जीवन रूपी अंधकार से निकलने का ज्ञान दिया था.

राम गीता में श्री राम के भगवान होने का साक्ष्य और उनके सुंदर रूप का वर्णन मिलता है. अबतक कुल 4 राम गीता लिखी गईं हैं जिनमें श्री राम से जुड़ी अलग- अलग घटनाओं का विस्तृत वर्णन है.

पहली राम गीता को गुरु ज्ञानवासिष्ठ तत्वसारायण नामक पुस्तक का एक भाग माना जाता है. इस राम गीता में श्रीमद्भागवत गीता की ही तरह 18 अध्याय हैं.

यह रामगीता श्रीराम और हनुमान संवाद के रूप में प्रचलित हैं. यानी कि इसमें हनुमान जी और श्री राम के बीच जो भी बातें और जब भी हुई हैं उनका अनुवाद लिखा गया है.

दूसरी राम गीता बहुत पीड़ादायक है क्योंकि उसमें वनवास के बाद माता सीता और श्री राम के अयोध्या लौटने का वर्णन तो है मगर माता सीता के ऊपर अयोध्या वासी द्वारा लगाए गए लांछन का उल्लेख भी मिलता है.

राजा का कर्त्तव्य निभाने के लिए लक्ष्मण द्वारा माता सीता को दोबारा अकेले वन भेजने के बारे में इस राम गीता में लिखा गया है.

तीसरी राम गीता ब्रह्मांड पुराण के उत्तरखंड में अध्यात्म रामायण  का एक भाग है. इस रामगीता में कुल 62 श्लोक हैं. 

 राम गीता में भगवान राम ने कर्मों को महत्व देते हुए व्यक्ति को अपने कर्मों का निर्वाह कैसे करना चाहिए इस बारे में बताया है. 

चौथी राम गीता स्कन्दपुराण के निर्वाणखंड में एक भाग 'रामगीता सटीका' के रूप में मौजूद है. इस राम गीता में श्री राम के मनोहर स्वरूप और उनके परब्रह्म होने के साक्ष्य बताए गए हैं.