Aug 10, 2024, 11:52 AM IST
क्यों रात 12:00 होता है किन्नरों का अंतिम संस्कार?
Anuj Singh
हिंदु धर्म के आधार पर किन्नरों की दुआओं में काफी शक्ति होती है और हर एक शुभ कार्य होता है तो किन्नरों को जरूर बुलाया जाता है.
घर में जब भी कोई बच्चा पैदा होता है तो किन्नरों को बुलाकर उसे आशीर्वाद दिलाया जाता है.
आम लोगों में जब भी किसी की मौत होती है तो दिन के समय उनकी शव यात्रा निकाली जाती है.
आम व्यक्ति के मृत्यु पर हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ जुटती है और मृत शरीर का दाह संस्कार करते हैं.
लेकिन आखिर क्यों किसी किन्नर के मृत्यु पर उसका अंतीम संस्कार रात के समय किया जाता है.
किन्नर की मौत पर जश्न मनाया जाता है और उसके शरीर को जूतों से मारा जाता है.
रात के समय इसलिए उसका अंतीम संस्कार किया जाता है, जिससे कोई आम इंसान उसे देख ना ले.
मान्यताओं के अनुसार, अगर कोई आम इंसान किन्नर के शव को देख लेता है तो वो अगले जन्म किन्नर ही बनता है.
किन्नर के शरीर को पिटने का कारण है कि आगे उसे ये जन्म ना मिले.
माना जाता है कि स्नेक वाइन की खोज 441 ईसा पूर्व में चीन में की गई थी. उसके बाद से ही इस वाइन का जिक्र चीनी इतिहास में मिलता है.
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