May 28, 2024, 09:34 AM IST

इस ऋषि के क्रोध से कांप उठते थे इंद्रदेव

Kuldeep Panwar

महाभारत की कथा में कई जगह दुर्वासा ऋषि का जिक्र आया है, जिनका नाम सुनते ही देवी-देवताओं को भी डर से कांपते हुए दिखाया गया है.

क्या आप जानते हैं कि ऋषि दुर्वासा कौन थे और उन्हें इतना गुस्सा क्यों आता था? भगवान शिव और भगवान श्रीकृष्ण से उनका क्या नाता था?

ऋषि दुर्वासा भले ही बेहद गुस्सैल और बात-बात में श्राप देने वाले थे, लेकिन उन्हें बेहद ज्ञानी माना गया है. इसी कारण उनका बेहद सम्मान था.

मान्यता है कि ऋषि दुर्वासा का जन्म भगवान शिव के क्रोध से हुआ था. इस कारण उन्हें भगवान शिव का मानस पुत्र माना जाता है.

ऋषि दुर्वासा के जैविक माता-पिता माता अनुसुइया और ऋषि अत्री थे, जिन्होंने उन्हें इस पृथ्वी लोक में जन्म दिया था.

भगवान शिव के क्रोध से ऋषि दुर्वासा के जन्म की कहानी बेहद अनूठी है. कहा जाता है कि एक बार शिव को गुस्सा आया तो सभी देवता डर गए थे.

भगवान शिव को अपने गुस्से के कारण सृष्टि को हो रहे नुकसान का अहसास किया तो उन्होंने वह गुस्सा अनुसूइया के गर्भ में संचित कर दिया.

अनुसूइया ने गर्भ धारण करने के बाद जब बच्चे को जन्म दिया तो वो बचपन से ही बेहद गुस्सैल था. उसका नाम दुर्वासा रखा गया था.

भगवान शिव के क्रोध के कारण जन्म होने के चलते ऋषि दुर्वासा को उन्हीं का अवतार माना जाता है. मान्यता है इसी कारण उन्हें बेहद गुस्सा आता था.

क्रोधित होने पर जिस तरह भगवान शिव को मनाना नामुमकिन है, उसी तरह ऋषि दुर्वासा को भी कोई खुश नहीं कर सकता था.

ऋषि दुर्वासा के इसी क्रोध का लाभ दुर्योधन ने पांडवों के खिलाफ उठाने की कोशिश की. उन्हें वहां भेज दिया, जहां पांडव वन में रह रहे थे.

ऋषि दुर्वासा उस समय पहुंचे थे, जब पांडव भोजन कर चुके थे और द्रौपदी का अक्षय पात्र बंद हो चुका था. इस कारण दुर्वासा को देखकर पांडव परेशान हो गए थे.

दुर्वासा अपने शिष्यों के लिए भोजन बनाने का आदेश देकर नदी में नहाने चले गए. इस पर द्रौपदी ने कृष्ण से गुहार लगाई थी, जिन्होंने आकर एक दाना खाकर दुर्वासा की भूख शांत कर दी थी.

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