May 27, 2024, 07:12 PM IST

चीरहरण के बाद द्रौपदी का दिया शाप, 13 साल बाद क्यों हुआ सच

Smita Mugdha

कौरवों ने जब द्रौपदी का भरी सभा में चीरहरण किया था, तो महल छोड़ते वक्त द्रौपदी ने कौरवों को शाप दिया था. 

अपमान से आहत द्रौपदी ने कहा था कि एक रोज कौरवों के शव खून से लथपथ पड़े होंगे और इनकी स्त्रियां आंसू बहाएंगी. 

पांचाली का दिया यह शाप सच तो हुआ, लेकिन इसे पूरा होने में 13 साल का वक्त लग गया था. 

दरअसल जुए में सब कुछ गंवाने के बाद पांडवों को 12 साल का वनवास और 1 साल का अज्ञातवास काटना था. 

इस अवधि के पूरा होने में कुल 13 साल लगे और फिर जब पांडव वापस लौटे तो दुर्योधन राज्य देने से मुकर गया था.

इसके बाद महाभारत का युद्ध हुआ जिसमें पांडव विजयी रहे थे और 13 साल बाद द्रौपदी का शाप सच साबित हो गया. 

कौरवों का पूरा वंश इस युद्ध में मारा गया था और उनकी स्त्रियां अपने वंश के लिए आंसू बहाती रहीं..  

महाभारत युद्ध में विजयी होने के बाद पांडव भी खुश नहीं हो सके और हर ओर अपनों के शव देख दुखी थे. 

आखिरकार युद्ध की विभीषिका से दुखी होकर द्रौपदी और पांडव स्वर्ग के रास्ते पर निकल गए थे.