अघोरियों के रहस्यमयी जीवन के जानें 5 अनसुने किस्से
Aditya Katariya
अघोरी बाबाओं को लेकर समाज में कई तरह की धारणाएं और मिथक प्रचलित हैं.
अघोरी बाबाओं को लेकर समाज में कई तरह की धारणाएं और मिथक प्रचलित हैं.
आइए यहां जानते हैं अघोरी बाबाओं से जुड़ी कुछ अनकहे किस्से, जिनके बारे में शायद आप नहीं जानते होंगे.
अघोरी बाबाओं को अक्सर श्मशान में तपस्या करते हुए देखा जाता है. ये श्मशान को पवित्र स्थान मानते हैं और कहते हैं कि यहां तपस्या करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है.
अघोरा पंथ का इतिहास बहुत पुराना है. ऐसा माना जाता है कि इस पंथ की स्थापना स्वयं भगवान शिव ने की थी. अघोरी साधुओं का मानना है कि वे भगवान शिव के प्रत्यक्ष वंशज हैं और उन्हें उनका आशीर्वाद प्राप्त है.
अघोरी बाबा शिव को मृत्यु के देवता के रूप में पूजते हैं और श्मशान को अपनी तपस्या का स्थान मानते हैं.
अघोरी बाबाओं को कफन के कपड़े पहने और नरमुंड धारण किए हुए देखा जाता है. नरमुंड को ये शिव का प्रतीक मानते हैं.
अघोरी बाबा सामाजिक जीवन से पूरी तरह दूर रहते हैं. उनका मानना है कि सामाजिक बंधन मोक्ष की राह में बाधा बनते हैं.
Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी सामान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.