वनवास के दौरान भगवान राम ने खुद क्या-क्या चीजें बनाई थीं?
Ritu Singh
भगवान श्री राम ने अपने 14 वर्ष के वनवास में से 12 वर्ष आदिवासियों और सन्यासियों के बीच बिताए थे.
इन 12 वर्षों के दौरान उन्होंने आदिवासियों को शिक्षित और कुशल बनाने का काम किया.
भगवान राम ने अयोध्या से लंका तक की यात्रा की और जहां-जहां गए वहां-वहां मंदिर, तालाब बनाए थे
भगवान राम और लक्ष्मण स्वयं के बनाये वस्त्र और जूते पहनते थे. जब राम गंगा पार कर चित्रकूट गए तो वहां पहाड़ी पर मंदिर बनाए.
वहां एक कुटिया बनाई और वहीं रहने लगे. इसके बाद वे जहां भी गए, आदिवासियों और वनवासियों को झोपड़ियां बनाना सिखाया.
बाद में जब वे नासिक के पंचवटी क्षेत्र में चले गये तो उन्होंने वहां भी एक कुटिया बनाई थी,
भगवान राम ने लंका पर आक्रमण करने से पहले रामेश्वरम में भगवान शिव की पूजा की थी. रामेश्वरम का शिवलिंग भगवान राम द्वारा स्थापित शिवलिंग है.
साथ ही पूरे मार्ग में कई स्थानों पर शिव लिंगों की स्थापना की और मंदिर भी बनवाए.
भगवान श्री राम ने वनवासियों और आदिवासियों को धनुष-बाण बनाना और चलाना सिखाया था.
भगवान राम ने वर्षा जल एकत्र करने के लिए जंगल में कुछ तालाब भी बनवाये. उस तालाब का नाम पूरे देश में सीता कुंड के नाम से जाना जाता है.
इनमें से कुछ तालाबों का निर्माण देवी लक्ष्मण और सीता देवी द्वारा किया गया था. राम, लक्ष्मण और देवी सीता इन तालाबों का उपयोग अपने पीने के पानी के लिए करते थे.