कार्ल लैंडस्टीनर ऑस्ट्रिया में जन्मे इम्युनोलॉजिस्ट और पैथोलॉजिस्ट थे जिन्होंने ब्लड ग्रुप की खोज की थी.
उन्होंने 1901 में मुख्य रक्त समूहों की पहचान की थी और रक्त में एग्लूटीनिन की उपस्थिति की पहचान से रक्त समूहों के वर्गीकरण की आधुनिक प्रणाली विकसित की थी.
साल 1930 में उन्हें ब्लड ग्रुप और ABO सिस्टम ऑफ ब्लड टाइपिंग की खोज के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
लैंडस्टीनर ने पाया था कि अलग-अलग लोगों का खून मिलाने पर लाल रक्त कोशिकाएं कभी-कभी चिपक जाती हैं. इस आधार पर उन्होंने बताया कि लोगों में अलग-अलग तरह के ब्लड ग्रुप होते हैं.
लैंडस्टीनर को ट्रांसफ़्यूज़न मेडिसिन का जनक कहा जाता है. उन्होंने अपने सहयोगी अलेक्जेंडर वीनर के साथ मिलकर आरएच रक्त समूह की खोज की थी.
ब्लड ग्रुप की खोज के अलावा भी लैंडस्टीनर का साइंस में अहम योगदान था. उन्होंने साल 1909 में कॉन्स्टेंटिन लेवाडिटी और एर्विन पॉपर के साथ मिलकर पोलियो वायरस की खोज की थी.
लैंडस्टीनर ने सिफलिस के लिए जिम्मेदार सूक्ष्मजीवों की पहचान करने में भी मदद की. उन्होंने अपना सबसे बड़ा काम एंटीजन-एंटीबॉडी इंटरैक्शन के रिसर्च को माना.