अक्सर आपने खबरों में जुड़वा या 2 से ज्यादा बच्चों के जन्म के बारे में जरूर पढ़ा होगा. आइए जानते हैं कि जुड़वा बच्चे कैसे पैदा होते हैं और इसके पीछे की विज्ञान क्या है?
जुड़वा बच्चे दो प्रकार के होते हैं. पहले मोनोज़ाइगोटिक और दूसरे डाइज़ाइगोटिक. मोनोज़ाइगोटिक को आइडेंटिकल ट्विन्स भी कहते हैं
मोनोज़ाइगोटिक में जुड़वा बच्चे एक ही अंडे से विकसित होते हैं जो दो बाद में अलग-अलग भ्रूणों में विभाजित हो जाते हैं.
मोनोज़ाइगोटिक जुड़वाओं में एक ही डीएनए होता है और वे हमेशा एक ही लिंग के होते हैं.
डाइज़ाइगोटिक जुड़वा बच्चे दो अलग-अलग अंडों से विकसित होते हैं जो दो अलग-अलग स्पर्म से फर्टलाइज होते हैं.
डाइज़ाइगोटिक जुड़वाओं में अलग-अलग डीएनए होता है और वे अलग-अलग लिंग के हो सकते हैं.
इसके अलावा जुड़वा बच्चों की संभावना आनुवंशिकी, फर्टिलिटी ट्रीटमेंट, आईवीएफ और मां की उम्र जैसे कई कारकों पर भी निर्भर होता है.