Apr 25, 2025, 11:42 PM IST
पति के मरने के बाद भी यहां की महिलाएं क्यों नहीं कहलातीं विधवा?
Aditya Katariya
भारत एक ऐसा देश है जहां सदियों से कई तरह की संस्कृतियां और परंपराएं चली आ रही हैं.
इन परंपराओं में से कुछ परंपराएं महिलाओं की स्थिति को विशेष रूप से प्रभावित करती हैं, खासकर तब जब उनके पति की मौत हो जाती है.
आमतौर पर पति की मौत के बाद महिलाओं को विधवा कहा जाता है, लेकिन भारत में कुछ ऐसे राज्य और समुदाय हैं जहां यह प्रथा अलग है.
क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसा राज्य भी है जहां पति की मौत के बाद महिला को विधवा नहीं माना जाता है?
मध्य प्रदेश का गोंड आदिवासी समुदाय आज भी इस परंपरा का पालन करता है, जिसके अनुसार महिलाएं अपने पति की मौत के 10वें दिन पुनर्विवाह करती हैं.
मध्य प्रदेश के गोंड समुदाय में 'पाटो' प्रथा के तहत विधवा का विवाह उसके देवर या अन्य अविवाहित पुरुष रिश्तेदार से कर दिया जाता है.
पुनर्विवाह की प्रथा महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
अगर इस जनजाति की कोई महिला पुनर्विवाह के लिए तैयार नहीं होती है तो उसे चांदी की चांदी की चूड़ियां पहनाई जाती हैं.
इन चूड़ियों को पहनने के बाद महिला को विवाहित महिला का दर्जा दिया जाता है और इन चूड़ियों को पाटो कहा जाता है.
Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है, जो लोक कथाओं और मान्यताओं पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टी नहीं करता है.
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