Jan 29, 2025, 01:13 AM IST

Chanakya Niti: किन 5 महिलाओं के अपमान से शुरू होता है बुरा समय

Kuldeep Panwar

आचार्य चाणक्य की नीतियों ने भारतीय इतिहास के सबसे मजबूत शासकों में से एक मौर्य वंश की स्थापना की थी, जिसमें सम्राट अशोक हुए थे.

चाणक्य ने राजकाज चलाने से लेकर समाज, परिवार और जीवन संचालन तक की नीतियां लिखी थीं, जिन्हें आज भी बेहद सटीक माना जाता है.

चाणक्य के नीति शास्त्र के चौथे अध्याय में उन्होंने महिलाओं के सम्मान को लेकर लिखा है, जिसमें 5 महिलाओं का खास जिक्र किया गया है.

चाणक्य ने इन 5 महिलाओं की सेवा और सम्मान में भूल से भी कमी नहीं लाने की चेतावनी दी है. ऐसा करते ही बुरा समय शुरू हो जाता है.

चाणक्य के मुताबिक, गुरु की पत्नी की भी मां के समान सेवा करने और भूलकर भी अपमान नहीं करने पर मनमुताबिक सफलता मिलती है.

चाणक्य कहते हैं कि मित्र की पत्नी को भी मां मानकर सम्मान देना चाहिए. इससे आप हमेशा मित्र के विश्वासी रहेंगे और उनका साथ पाएंगे.

मित्र की पत्नी का यदि भूलकर भी आप दिल दुखाते हैं और उनके साथ शिष्टाचार से भरा स्नेह नहीं रखते हैं तो आपका खामियाजा भुगतना होगा.

चाणक्य का कहना है कि राजा की पत्नी की सेवा मां मानकर करनी चाहिए. ऐसा करने वाले की आय और सौभाग्य में खूब बढ़ोतरी होती है.

राजा की पत्नी का भूलकर भी अपमान नहीं करना चाहिए. यदि ऐसा हो जाए तो तुरंत माफी मांग ले, वरना आपका दंड भुगतना तय हो जाता है.

चाणक्य ने पत्नी की माता यानी सास का भी अपमान भूलकर नहीं करने की बात कही है. उन्होंने इससे पाप का भागी बनने की चेतावनी दी है.

चाणक्य ने सास को मां समान सम्मान देने को कहा है. सास का दिल आपके वचन से दुखा तो उसका आपके जीवन पर प्रतिकूल असर होता है.

चाणक्य ने माता-पिता को ईश्वर रूप मानकर सेवा करने को कहते हैं. उनका कहना है कि मां भगवान की तरह बच्चे का निस्वार्थ पालन करती है.

मां के निस्वार्थ पालन-पोषण से ही बच्चा काबिल बनता है. ऐसे में उसकी सेवा करने वाले को धरती पर ही स्वर्ग के बराबर सुख की प्राप्ति होती है.