Jan 12, 2024, 10:04 AM IST

हर कोई नहीं जानता स्वामी विवेकानंद की ये उप​लब्धियां, जानकर होगा नाज 

Nitin Sharma

स्वामी विवेकानंद जी का जन्म 12 जनवरी 1863 को हुआ था. वह एक बड़े आध्यात्मिक गुरु थे. स्वामी विवेकानंद के ज्यादातर विचार तो लोग जानते होंगे, लेकिन शायद ही कोई उनकी इन उपब्लिधयों के बारें में जानता हो.

स्वामी विवेकानंद का नाम नरेंद्र नाथ दत्त था. उनका जन्म बंगाली परिवार में हुआ था. स्वामी विवेकानंद बहुत छोटी उम्र में ही आध्यात्म की खोज में लग गये थे.

स्वामी विवेकानंद लेखक, धार्मिक, दार्शनिक होने के साथ ही शिक्षक और आध्यात्मिक भिक्षु के रूप में जाने जाते थे.

स्वामी विवेकानंद रामकृष्ण परमहंस के शिष्य थें. इनके शिष्य बनने के बाद ही स्वामी विवेकानंद ने आध्यात्म की खोज की और इसी रास्ते पर चल पड़े. उन्हें महाभारत, रामायण, गीता समेत हिंदू पुराण पढ़ना काफी पसंद था. 

स्वामी विवेकानंद जी ने हिंदू पुराणों के साथ ही पश्चिम के इमैनुएल कांट, जोहान गोटलिब फिच्टे, जॉर्ज डब्ल्यू एफ हेगेल और आर्थ शोपेनहावर जैसे कई अन्य विद्वानों भी पढ़ा था. उन्होंने बंगाली साहित्य और संस्कृत शास्त्र का भी अध्ययन किया.

स्वामी विवेकानंद जी के लिए शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण थी. उन्होंने एक शिक्षक के रूप में छात्रों को कड़ी मेहनत और धैर्य के बारे में सिखाया. उनके अनुसार धैर्य के साथ कड़ी मेहनत से आप सफलता पा सकते हैं.

स्वामी विवेकानंद की जब रामकृष्ण परमहंस से मुलाकाता हुई. तब उन्होंने कई सवाल किये. इसके वह परमहंस के शिष्य बने. बीमारी के दौरान गुरु की सेवन की और उनके रहकर रामकृष्ण मठ की स्थापना की.

रामकृष्ण मठ छोड़ने के बाद स्वामी विवेकानंद जी ने पैदल यात्रा शुरू की. उन्होंने इसमें लोगों के कष्टों को जाना. 1893 में उन्हें शिकागों और अमेरिका में होने वाले विश्व संसद के बारें पता लगा, जिसके बाद स्वामी विवेकानंद ने यहां हिस्सा लिया.

विश्व संसद में जब विवेकानंद जी ने भाषण दिया तो सभी हैरान रह गये. सभी ने उनकी सराहना की. ढाई साल तक स्वामी विवेकानंद 1894 तक न्यू यॉर्क में रहे और वेदांत सोसायटी की स्थापना की.