पानी जीवन के लिए अनमोल माना जाता है. वैज्ञानिक हमें पानी अवश्य पीने की सलाह देते हैं और इसे शरीर के लिए पोषक तत्व मानते हैं.
दरअसल पानी हमारे शरीर में कई तरह की क्रियाओं के लिए आवश्यक है, जो पसीने, पेशाब और सांस लेने में भी शरीर से बाहर निकलता है.
शरीर से निकले पानी की पूर्ति हम फिर से पानी पीकर पूरी करते हैं. यह वाटर बैलेंस कहलाता है, जिसे नहीं करने पर डिहाइड्रेशन होता है.
शरीर की जरूरत के हिसाब से पानी नहीं पीने पर आप डिहाइड्रेशन का शिकार हो सकते हैं, जो आपकी मौत का कारण भी बन सकता है.
यह तो हुई शरीर की जरूरत के मुताबिक पानी नहीं पीने की बात, पर क्या आप जानते हैं कि बहुत ज्यादा पानी पीना भी जानलेवा होता है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, शरीर में यदि बेहद कम समय में बहुत ज्यादा पानी जाता है तो उसके परिणाम भी बेहद गंभीर हो सकते हैं.
इससे आपको पानी का नशा हो सकता है, जिसे हाइपोनेट्रेमिया कहते हैं. इसमें रक्त में सोडियम बेहद कम होने से कोशिकाएं सूज जाती हैं.
हाइपोनेट्रेमिया के लक्षणों में उबकाई-उल्टी, सिरदर्द, भ्रम, थकान, बेचैनी व चिड़चिड़ापन, मसल्स में ऐंठन, दौरे पड़ना और गंभीर स्थिति में कोमा में पहुंचने का खतरा होता है.
दरअसल इंसान की किडनी एक घंटे में एक लीटर तरल पदार्थ (पानी व अन्य सभी तरल पदार्थ मिलाकर) को फिल्टर करके पेशाब बनाती है.
यदि आप एक घंटे में ज्यादा तरल पदार्थ लेते हैं तो वह रक्त में अवशोषित होने पर किडनी में फिल्टर नहीं हो पाते, जिससे हाइपोनेट्रेमिया हो सकता है.
यूरोपीय फूड सेफ्टी अथॉरिटी के हिसाब से पुरुषों को ढाई लीटर और महिलाओं को दो लीटर तरल पदार्थ ही हर रोज सबकुछ मिलाकर लेना चाहिए.
पानी का मतलब केवल पीने वाला नहीं बल्कि फल-सब्जी, मेवे आदि में मौजूद पानी भी है. तरबूज-खरबूजे जैसे फल में 92% तक पानी होता है.
स्कॉटलैंड की एबरडीन यूनिवर्सिटी 23 देशों में 5,000 लोगों के पानी के सेवन की स्टडी की थी. इसमें उम्र के हिसाब से पानी की जरूरत अलग-अलग आंकी गई.
इसमें पाया गया कि 20 से 60 साल तक के पुरुषों को रोजाना 1.8 लीटर पानी की ज़रूरत होती है. जबकि इसी उम्र की महिलाओं को 1.5 से 1.6 लीटर पानी चाहिए.