Nov 2, 2024, 01:00 AM IST
तवायफ नहीं इस्तेमाल कर सकती थीं ये चीज
Kuldeep Panwar
बॉलीवुड फिल्में हों या टीवी सीरियल्स, जब भी किसी तवायफ को दिखाना होता है तो उसे ढेर सारे श्रृंगार में सजी-धजी दिखाकर पेश किया जाता है.
हाल ही में आई संजय लीला भंसाली की वेब सीरीज 'हीरामंडी' में भी तवायफों के पास सजने-धजने के लिए तमाम चीजें दिखाई गई हैं.
दावा किया जाता है कि पुराने समय में जब आजकल की तरह बहुत सारे क्रीम-पाउडर मौजूद नहीं थे, तब भी तवायफें कई घंटे तक सजती थीं.
उस दौर में तवायफों को सुंदर दिखने के लिए तमाम तरह के इंतजाम होते थे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसमें भी कई प्रतिबंध लगे होते थे.
दरअसल तीन तरह की खास चीजें होती थीं, जिनका इस्तेमाल नहीं करने के लिए तवायफों पर बेहद कड़ी पाबंदी लगाई जाती थी.
लेखिका सबा दीवान की तवायफों पर लिखी किताब में इसका जिक्र है. इसमे है कि तवायफ सुहाग की निशानी का इस्तेमाल नहीं कर सकती है.
सुहागन की निशानी मानी जाने वाली जिन 3 चीजों के तवायफों के इस्तेमाल करने पर पाबंदी थी, वे हल्दी, कुमकुम और मंगलसूत्र थे.
दरअसल तवायफ के विवाह करने पर भी पाबंदी होती थी. इसके उलट तवायफ अपने किसी 'साहिब' नवाब या जमींदार के नाम से जानी जाती थी.
तवायफ और उनके 'साहिब' के बीच का यह रिश्ता सामाजिक मान्यता वाला नहीं होता था, लेकिन तवायफ के लिए जीवन भर का बंधन होता था.
तवायफ और उनके साहिब कभी गृहस्थ जीवन में एकसाथ नहीं रहते थे. इनके बीच के रिश्ते को पति-पत्नी का रिश्ता भी नहीं माना जाता था.
तवायफ का यह रिश्ता पूरी तरह 'अवैध' माना जाता था. इसी कारण तवायफों के सुहाग की निशानी का इस्तेमाल करने पर पाबंदी होती थी.
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