Feb 29, 2024, 03:25 PM IST

श्रीकृष्ण ने इस कारण किया था 100 अपराध के बाद शिशुपाल का वध

Kuldeep Panwar

महाभारत का जिक्र भगवान श्रीकृष्ण के बिना पूरा नहीं हो सकता है, जिन्होंने धर्म का मार्ग प्रशस्त करने के लिए रिश्तेदारों का भी वध किया था.

श्रीकृष्ण के हाथों मौत पाकर मोक्ष पाने वाले उनके रिश्तेदारों में शिशुपाल का भी नाम शामिल है, जिसे बेहद दुर्दांत योद्धा माना जाता था.

शिशुपाल के जन्म के समय ही एक ऐसी घटना हुई थी, जिससे सभी को पता चल गया था कि उसकी मौत एक दिन श्रीकृष्ण के ही हाथों होगी.

इसका संबंध श्रीकृष्ण की तरफ से शिशुपाल को 100 अपराधों तक क्षमादान देने के वादे से भी जुड़ा हुआ है. आइए हम आपको वह घटना बताते हैं.

शिशुपाल भगवान विष्णु के उन दो द्वारपालों जय-विजय में से एक था, जिन्हें ऋषियों के श्राप के कारण धरती पर आकर राक्षस बनना पड़ा था.

जय-विजय इस कारण पहले जन्म में हिरण्यकश्यपु व हिरण्याक्ष, दूसरे जन्म में रावण व कुम्भकर्ण और तीसरे जन्म में कंस व शिशुपाल बने थे.

जय-विजय इस कारण 3 जन्म से ही भगवान विष्णु के स्वरुप श्रीकृष्ण से दुश्मनी मानते थे. इसी कारण शिशुपाल श्रीकृष्ण का अपमान करता रहता था.

शिशुपाल ने कृष्ण की बुआ के बेटे के तौर पर जन्म लिया था. तब उसकी 3 आंखे और 4 भुजाएं थीं और वह गधे की तरह रो रहा था.

शिशुपाल के पैदा होने पर आकाशवाणी हुई कि जिसकी गोद में उसकी एक आंख और दो भुजाएं गिर जाएंगी, वही उसकी मौत का कारण बनेगा.

शिशुपाल की भुजाएं-आंख श्रीकृष्ण की गोद में गिर गईं थीं, जिस पर बुआ के प्रार्थना करने पर श्रीकृष्ण ने 100 अपराध क्षमा करने का वचन दिया था.

शिशुपाल मित्र रुक्म की बहन रुक्मिणी को चाहता था, जो श्रीकृष्ण को प्यार करती थीं. श्रीकृष्ण उसका हरण कर लाए थे. इससे शिशुपाल उनसे नाराज रहता था.

शिशुपाल के हर बार अपमान करने पर श्रीकृष्ण क्षमा कर देते थे. 100 अपराध पूरे होने पर श्रीकृष्ण ने सुदर्शन चक्र से उसका वध कर दिया था.