Jan 22, 2025, 11:36 PM IST
खरबूजा देखकर क्यों रोया था मुगल बादशाह बाबर
Kuldeep Panwar
मुगल सल्तनत की भारतीय इतिहास में अहम जगह मानी जाती है, क्योंकि दिल्ली पर सबसे लंबी इस्लामी हुकूमत मुगल बादशाहों की ही रही थी.
मुगल सल्तनत की भारत में नींव जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर ने रखी थी, जो उज्बेकिस्तान के फरगना घाटी के अंदजान गांव के रहने वाले थे.
बाबर के पिता उमर शेख मिर्जा फरगना के शासक थे. बाबर को महज 11 साल की उम्र में पिता के इंतकाल के कारण सत्ता संभालनी पड़ी थी.
बाबर में इतिहास के दो सबसे क्रूर शासकों तैमूर लंग और चंगेज खां, दोनों का खून था, इसलिए उन्हें और भी ज्यादा खतरनाक माना जाता था.
दरअसल बाबर के पिता उमर शेख क्रूर शासक तैमूर के वंशज थे, जबकि बाबर की मां क्रूर मंगोल बादशाह चंगेज खान की वंशज थीं.
बाबर को बेहद क्रूर शासक माना जाता था, लेकिन इतिहासकारों ने यह भी लिखा है कि लड़ाई में क्रूर दिखने वाला बाबर असल में नर्मदिल था.
बाबर के नर्मदिल होने का किस्सा इतिहासकार हरबंश मुखिया ने लिखा है, जिसमें खरबूजे को देखकर बाबर के रोना शुरू करने की बात है.
मुखिया ने लिखा है कि लड़ाई पर जाने से पहले बाबर को किसी ने खाने के लिए खरबूजा पेश किया, जिसे देखकर बाबर बेहद खुश हो गए थे.
खरबूजा देखकर बेहद खुश हो गए बाबर अचानक रोने लगे. अपने बादशाह को रोता देखकर उनके दरबार में बैठे सभी लोग हैरान हो गए.
डरते हुए एक दरबारी ने बाबर से इसका कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि वह खुशी से रो रहे हैं, क्योंकि उन्होंने कई साल बाद खरबूजा देखा है.
बाबर ने भले ही हिंदुस्तान में सबसे लंबे समय वाली मुगल सल्तनत की स्थापना की थी, लेकिन वो खुद महज 4 साल ही शासन कर पाया था.
1526 में दिल्ली के तख्त पर बैठे बाबर का 1530 में महज 47 साल की उम्र में निधन हो गया था. फिर बाबर का बेटा हुमायूं बादशाह बना था.
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