May 21, 2024, 06:08 AM IST

ये बिहार के लक्खन झा हैं, भोज में हजार रसगुल्ले अकेले खा जाते हैं 

Aditya Prakash

बिहार का मिथिला क्षेत्र कला और साहित्य के लिए जितना मशहूर है, उतना ही भोज को लेकर भी है, मैथिल लोगों को भोज खाना खूब पसंद है.

शादी-ब्याह का भोज हो या जन्म व श्राद्ध का भोज, मिथिला के लोगों को इसका इंतजार कई दिनों से रहता है. यहां भोज एक उत्सव की तरह होता है. 

भोज का नाम सुनते ही लोग कई दिनों से अपना खुराक कम कर लेते हैं, और अजवाइन फांकने लगते हैं ताकि भोज में जबरदस्त प्रदर्शन कर सकें. 

मिथिला के भोज में लोग रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन करते हैं. लोग यहां रसगुल्ला, आम, केला, मछली, गुलाब जामुन समेत एक से बढ़कर एक आइटम सैंकड़ों की मात्रा में खा जाते हैं.

ऐसे ही एक रिकॉर्डधारी हैं लक्खन झा. लक्खन मूल रूप से मधुबनी जिले के रघुनंदनपुर गांव के रहने वाले हैं. 

लक्खन मधुबनी और झंझारपुर के इलाकों में भोज खाने को लेकर खूब मशहूर हैं. उनके नाम पर एक बार एक हजार रसगुल्ले खाने का रिकॉर्ड है. 

ये रिकॉर्ड उन्होंने बगल के गांव किरतपुर में भोज खाने के दौरान बनाया था, साथ ही उन्होंने अपना पुराना 700 रसगुल्ले खाने के रिकॉर्ड को भी तोड़ा था.

लक्खन झा को भोज खाने के अलावा राजनीति और क्रिकेट में खूब दिलचस्पी है, पहले उन्हें सचिन बहुत पसंद था, अब वो धोनी के बहुत बड़े फैन हैं.

लक्खन झा अब जरूर उम्रदराज हो गए हैं, लेकिन उनके भोज खाने के किस्से आज भी गांव-गांव में जवान हैं. (सभी स्लाइड्स की तस्वीरें AI निर्मित हैं.)