Feb 24, 2024, 09:37 PM IST

Jahangir की इन 5 गलतियों ने कमजोर की मुगल सल्तनत की नींव

Smita Mugdha

अकबर के बाद मुगल सल्तनत की बागडोर जहांगीर 1905 में संभाली और लगभग 22 सालों तक शासन किया. 

जहांगीर के व्यक्तित्व को देखते हुए अकबर उसे अपना उत्तराधिकारी नहीं बनाना चाहता था. 

अकबर का यह डर बेवजह नहीं था और इतिहासकारों का भी मानना है कि जहांगीर के दौर से ही मुगल शासन की नींव कमजोर होने लगी.

जहांगीर के व्यक्तित्व में कुछ कमियां थीं. जैसे कि शराब पीना और वह स्वभाव से काफी चंचल था. 

राजा बनने के बाद भी उसका ज्यादातर वक्त हरम और भोग-विलास में बीतता था. इस वजह से दरबार और सत्ता पर पकड़ कमजोर हो गई.

जहांगीर के शासनकाल से ही राजकाज में नूरजहां का दखल बढ़ा था. आगे हरम की इसी राजनीति ने मुगल सल्तनत को खोखला बनाया.

जहांगीर के दौर से ही सेना के आधुनिकीकरण और विस्तार की उपेक्षा होने लगी, जिसका खामियाजा आगे मुगल सल्तनत को उठाना पड़ा.

जहांगीर बहुत जल्द किसी की भी बातों में आ जाता था. इस वजह से दरबारियों और जनता के बीच उसकी छवि एक लापरवाह शासक की बन गई.

जहांगीर इन कमियों के बावजूद अपनी न्यायप्रियता के लिए चर्चित रहा. इसके अलावा, वह कला, साहित्य और संगीत का अच्छा जानकार था.