आज विकास दिव्यकीर्ति यूपीएससी कोचिंग में एक प्रतिष्ठित नाम हैं और उनसे पढ़े हुए कई स्टूडेंट्स सिविल सेवा परीक्षा पास करके आईएएस-आईपीएस और दूसरी सेवाओं में भर्ती हो चुके हैं.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि खुद विकास दिव्यकीर्ति को यूपीएससी में कौन सी रैंक मिली थी और कितने प्रयासों में वह सफलता हासिल कर पाए थे?
विकास दिव्यकीर्ति को यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में 384वीं रैंक हासिल हुई थी लेकिन वह उनकी मनचाही पोस्ट पाने के लिए काफी नहीं थी.
इस रैंक पर उन्हें केंद्रीय सचिवालय सेवा में शामिल होने का विकल्प दिया गया लेकिन उन्होंने जॉइनिंग के बजाय फिर से परीक्षा देने का विकल्प चुना.
यूपीएससी में अच्छा रैंक हासिल करने के लिए उन्होंने अपना ऑप्शनल सब्जेक्ट भी बदल लिया और समाजशास्त्र को अपना वैकल्पिक विषय बना लिया.
लेकिन किस्मत को उन्हें कुछ और बनाना था. वह दूसरे प्रयास में असफल रहे और तीसरे प्रयास में वह इंटरव्यू राउंड तक पहुंचे लेकिन सिलेक्शन से चूक गए.
जून 1999 में उन्होंने केंद्रीय सचिवालय सेवा में राजभाषा विभाग में अपना कार्यकाल शुरू किया लेकिन कुछ महीनों बाद ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया और यूपीएससी के कोचिंग इंस्टीट्यूट में पूरी तरह से जुट गए.