District Magistrate और District Collector में क्या अंतर है?
Jaya Pandey
जिला मजिस्ट्रेट और जिला कलेक्टर दोनों ही प्रशासनिक पद है जो किसी जिले के प्रशासन और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होते हैं.
अगर आप भी जिला कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट के बीच में कंफ्यूज रहते हैं तो आज हम आपको बताएंगे कि दोनों के बीच क्या अंतर है.
जिला कलेक्टर किसी जिले में राजस्व प्रशासन का सर्वोच्च अधिकारी होता है. राजस्व मामले में वह डिविजनल कमिश्नर और फाइनेंस कमीश्नर (रिवेन्यू) के माध्यम से सरकार के प्रति उत्तरदायी होता है.
वहीं जिला मजिस्ट्रेट भारतीय प्रशासनिक सेवा का अधिकारी होता है जो जिले के प्रशासन का सबसे वरिष्ठ कार्यकारी मजिस्ट्रेट और मुख्य प्रभारी होता है.
जिला कलेक्टर अपने राज्य में राजस्न न्यायालय का संचालन करता है वहीं जिला मजिस्ट्रेट जिले में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए उत्तरदायी होता है.
जिला कलेक्टर जिले का सर्वोच्च न्यायिक प्राधिकारी होता है जबकि जिला मजिस्ट्रेट आपराधिक प्रशासन का मुखिया होता है.
जिला कलेक्टर रेवेन्यू कोर्ट चलाता है और उत्पाद शुल्क, सिंचाई बकाया, आयकर बकाया आदि इकट्ठा करता है. वहीं जिला मजिस्ट्रेट जिले जेलों के प्रशासन का प्रमुख होता है.