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Barreleye Fish: समुद्र में दिखी दुर्लभ मछली, हरे रंग की आंखें देख वैज्ञानिक भी रह गए दंग

इस विचित्र और बेहद दुर्लभ जीव का वैज्ञानिक नाम बैरलआई फिश (Barrelsys Fish) है. आमतौर पर ये मछलियां शिकार नहीं करतीं.

Barreleye Fish: समुद्र में दिखी दुर्लभ मछली, हरे रंग की आंखें देख वैज्ञानिक भी रह गए दंग
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डीएनए हिंदी: दुनिया में कई तरह के विचित्र जीव हैं. आपने भी अपने जीवन में एक-दो तो देखे ही होंगे. हाल ही में वैज्ञानिकों को एक ऐसी मछली मिली है जो अपने माथे (Forehead) से देखती है. मछली की आंखे उसके माथे पर हैं और ये हरे रंग के बल्ब की तरह दिखती हैं. इस विचित्र और बेहद दुर्लभ जीव का वैज्ञानिक नाम बैरलआई फिश (Barrelsys Fish) है.

जानकारी के अनुसार, वैज्ञानिकों ने इसे कैलिफोर्निया के मॉन्टेरे बे (Monterey Bay) की गहराइयों में खोजा है. वहीं इससे पहले वैज्ञानिक अब तक इसे 9 बार देख चुके हैं. MBARI के रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल ने मॉन्टेरे की खाड़ी में गोता लगाया तो वैज्ञानिकों को स्क्रीन पर इसकी झलक देखने को मिली. मछली करीब 2132 फीट की गहराई में गोते लगा रही थी. 

मामले को लेकर Monterey Bay Aquarium Research Institute के सीनियर साइंटिस्ट थॉमल नोल्स ने बताया, माथे पर हरे रंग की आंख वाली ये मछली जहां मिली है, वो प्रशांत महासागर के भीतर सबसे गहरे सबमरीन कैन्यन हैं. पहले तो बैरलआई फिश आकार में छोटी लग रही थी लेकिन जैसे-जैसे हम इसके पास जाते गए तब मुझे समझ में आया कि मैं दुनिया के सबसे दुर्लभ जीव को अपनी आंखों से देख रहा हूं. 

 

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उन्होंने आगे कहा, ROV की रोशनी से हमने मछली की आंख पर तरल पदार्थ से भरा एक कवर देखा. ये उसकी आंखों की सुरक्षा करता है. इस दौरान हमें यह भी पता चला कि मछली की आंखें रोशनी के प्रति संवे​दनशील हैं. रोशनी देखते ही वह इधर-उधर भागने लगी. Barreleye Fish की आंखों के सामने आगे की तरफ दो छोटे-छोटे कैप्सूल होते हैं जो सूंघने के काम आते हैं. आमतौर पर ये मछलियां शिकार नहीं करतीं. ये चुपचाप एक जगह पर गोता लगाती रहती हैं और जैसे ही मुंह के सामने कोई छोटी मछली या जेलीफिश आती है, ये उसे निगल लेती हैं.

क्यों हैं हरे रंग की आंखें?
वैज्ञानिकों का मानना है कि मछली की आंखों का हरा रंग उसे सूरज की रोशनी को फिल्टर करने में मदद करता है. जैसे ही मछली को कोई बायोल्यूमिनिसेंट जेली या छोटे क्रस्टेशियंस दिखाई देते हैं, इसकी आंखों के हरे बल्ब थोड़ा बाहर की ओर निकल आते हैं. माना जाता है कि समुद्री जीवों का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों को ये मछली जीवन में एक ही बार देखने के लिए मिलती है.

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